दरअसल सड़कों के किनारे छोटी-छोटी दुकान लगा कर अपना गुजारा करने वाले दुकानदारों का एक पल में निगम कर्मचारियों ने रोजगार छिन लिया। दुकानदारों का आरोप है कि अचानक निगर के कर्मचारी धमक आए और पुलिस ने उनका सबकुछ बर्बाद कर दिया। जब तक दुकानदार कुछ समझ पाते उससे पहले ही कर्मचारियों ने दुकान हटाने को कहा लेकिन जब दुकानदार ने इस बार में सवाल-जवाब किया तो पहले तो जुर्माने के रुप में उनसे सारे पैसे ले लिए उसके बाद उनके सामान को भी लाद कर ले गए।
इतना ही नहीं निगम के कर्माचारियों और पुलिसल की दादागिरी यहीं नहीं रुकी बल्की उन्होंने एक अपाहिज दुकानदार के खोके बुल्डोजर से गिरा दिया। अपाहिज दुकानदार जीतींद्र वलियांन नाम के पुलिस कर्मी ने ये खोका तुड़वाया है और अपाहिज को उसके खोखे से उठा कर बाहर फेंक दिया है। दुकान के टूटने से परिवार के पालन-पोषण की चिंते से रो-रो कर दुकानदार का बुरा हाल है। उसका कहना है कि पुलिस से कुछ समय की मिन्नत मांगता रहा, जिससे वह अपनी दुकान हटा ले और अपना सामान भी समेट ले। लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी।
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