बता दें कि जिस दफतर में 70 से ज्यादा बाबू तैनात है, उनकी टेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि जिला आयुर्वेद विभाग, जीडीए तथा दूसरे विभाग के द्वारा अलग से अपने स्टाफ की जांच कराने की लगातार मांग की जा रही है। विभाग को डर है कि यदि सरकारी विभाग के स्टाफ की जांच होती है तो कोरोना के मामलों की संख्या जिले में बढकर दो हजार से ज्यादा पहुंच सकती है।
जानकारी के मुताबिक सीएमओ कार्यालय के जो दो बाबू कोरोना की चपेट में आए है, उनमें से एक एसीएमओ का बाबू है जबकि दूसरा विभाग के स्टोर में तैनात है। शनिवार को संजय नगर स्थित सीएमओ दफतर सील होने के साथ हडकंप मचा रहा। बताया जा रहा है कि स्टाफ के द्वारा लगातार कोरोना का टैस्ट कराने पर जोर दिया जा रहा था। लेकिन स्टाफ की मांग की अनदेखी की जा रही थी। जिला आयुर्वेद अधिकारी के द्वारा भी अपने डाक्टर और स्टाफ के टेस्ट कराने के लिए कई बार सीएमओ को लेटर भेजा गया।