काॅपर निकालने का काम करते हैं लोग डीएम अजय शंकर पांडेय ने बताया कि जनपद में सबसे ज्यादा प्रदूषण लोनी इलाके में ही पाया गया है। स्थानीय लोगों ने जानकारी थी कि यहां पर सबसे ज्यादा प्रदूषण तार जलाए जाने से होता है। कुछ लोग दिल्ली (Delhi) से तार खरीदकर लोनी इलाके में लाते हैं। यहां उसे जलाकर कॉपर निकालने का कार्य किया जाता है। इसको देखते हुए छापेमारी की गई है। इस जगह पर तार जलाने का कार्य किया जा रहा था। ऐसे पांच गोदामों पर कार्रवाई की गई है। वहां से करीब 150 क्विंटल तार बरामद हुआ है। पुलिस ने 30 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। साथ ही अन्य लोगों को भी हिदायत दी गई है कि वे दो दिन में वह अपना सारा वेस्टेज लोनी प्रशासन के पास जमा करा दें, नहीं तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। जिनके घरों में तार जलाने का सामान मिलेगा, उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जाएगी।
जलता हुआ कूड़ा वहीं, मंगलवार को मेरठ रोड पर निर्माण कार्यों की सूचना मिलने पर अपर नगर मजिस्ट्रेट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को जांच के लिए भेजा। वहां निर्माण कार्य होने पर तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। आरोपियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की संस्तुति भी की गई है। इसके अलावा बुलंदशहर औ़द्योगिक क्षेत्र में कूडे में आग लगने की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची। वहां प्लॉट संख्या ई-15 में सॉलिड वेस्ट खुले में पड़ा हुआ था। इस मामले में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC) की लापरवाही पाई गई। डीएम ने यूपीएसआईडीसी के दो अधिकारियों वरिष्ठ प्रबंधक (सिविल) पन्नालाल और सहायक प्रबंधक (सिविल) सतीश चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की है। पन्नालाल को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है जबकि सतीश चौधरी के निलंबन की संस्तुति की गई है।