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हादसों से कर्इ घंटे पहले ठेकेदार से बता दी थी ये बात
गाजियाबाद में निर्माणधीन इमरात के गिरने के बाद मलबे में दबे एक मजदूर राजकुमार को एनडीआरएफ की टीम ने मलबे से निकाल लिया। गनीमत रही कि राजकुमार मामूली रूप से घायल हुआ था। लेकिन उसने खुद के निकाले जाने के बाद जो बात बतार्इ। उसे सुनकर सब दंग रह गये। मजदूर ने बताया कि बिल्डिंग में सुबह ही दरार दिखाई दे रही थी। मजदूरों को इस बात का अंदेशा था। कि कहीं बिल्डिंग गिर न जाए । इसको लेकर उसने अपने ठेकेदार को भी बताया था कि बिल्डिंग गिर सकती है।इसमें दरार आ रही है। लेकिन ठेकेदार ने उन्हें चुप कराते हुए काम न करने पर रुपये काटने की धमकी दी।जिसके बाद मजदूर राजकुमार समेत इस इमारत में उसके परिवार और उसके ससुराल वाले लोग ही कार्य कर रहे थे।वह खुद दूसरी मंजिल पर कार्य कर रहा था।जबकि उसकी पत्नी गीता पहली मंजिल पर कार्य कर रही थी।और दो लोग ग्राउंड फ्लोर पर ही कार्य कर रहे थे।और उनके बच्चे पहली मंजिल पर खेल रहे थे।अभी तक एनडीआरएफ की टीम द्वारा इमारत के मलबे में दबे कुल 10 लोगों को निकाल लिया गया है।जिनमें से एक की मौत हो गई है।जबकि 9 लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। इनमें से तीन की हालत काफी गंभीर बनी हुई है।उन्हें दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है ।बाकी अन्य लोगों का गाजियाबाद के सेक्टर- 23 स्थित जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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आर्इजी ने पहुंचकर लिया जायजा
उधर इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मेरठ रेंज के आईजी राजकुमार देर रात घटनास्थल पहुंचे।और उन्होंने भी स्थिति का जायजा लेते हुए कहा कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।और यदि इस पूरे मामले में जीडीए के अधिकारी दोषी पाए गए।तो उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।वहीं उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में जीडीए के इंजीनियरों ने इमारत के ठेकेदार और 2 लोगों के खिलाफ नामजद एफआर्इआर दर्ज कराई है।अभी इस पूरे मामले को लेकर गहन जांच की जा रही है।इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा सबसे सख्त कार्रवाई होगी।