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ये तस्वीरें हैं इंदिरापुरम स्थित हैबिटेट सेंटर की, जिसे गाजियाबाद का दिल कहा जाता है। हैबिटेट सेंटर पर जीडीए का एक मद में लगभग 50 करोड़ रुपए की धनराशि और दूसरे मद में लगभग 84 करोड़ रुपए की एक अलग धनराशि बकाया है, जो कि बिल्डर द्वारा नहीं चुकाया गया है। इस संबंध में जीडीए द्वारा बिल्डर को कई बार नोटिस भी भेजे गए। बावजूद उसके बिल्डर ने बकाया भुगतान जमा नहीं कराया। बिल्डर के इसी रवैये से त्रस्त होकर बुधवार को जीडीए ने हैबिटेट सेंटर को पूरी तरह से सील कर दिया। हैबिटेट सेंटर में लगभग 100 से ज्यादा शोरूम और दुकानें चल रही है। सीलिंग की वजह से शोरूम और दुकानें भी बंद पड़ी हुई हैं। शोरूम संचालकों का कहना है कि बिल्डर ने बकाया नहीं दिया, लेकिन उसका खामियाजा शोरूम और दुकान संचालकों को भुगतना करना पड़ रहा है।
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गाजियाबाद के डीएम और जीडीए वीसी रितु माहेश्वरी ने बताया कि हैबिटेट सेंटर पर जीडीए का प्रोपर्टी का लगभग 49 करोड़ रुपए और पुराना कंपाउंडिंग के मैप का 84 करोड़ रुपए का अमाउंट बकाया है, जिसके चलते सीलिंग की कार्रवाई की गई है। डीएम और वीसी रितु माहेश्वरी ने बताया कि हैबिटेट सेंटर पर दो तीन तरह के वॉयलेशन है। यहां पर लैंड यूज़ के अगेंस्ट कंस्ट्रक्शन किया जा रहा था, जिसके चलते सीलिंग की कार्रवाई की गई।