यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: इस मामले में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी को कोर्ट से मिली राहत आपको बताते चलें कि मोदी चीनी मिल पर किसानों का करीब 222 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। इसके साथ ही किसानों के गन्ना मूल्य पर ब्याज भी देय है। तीन दिन पूर्व ही गन्ना मिल का पेराई सत्र बंद हुआ है। मिल पर बकाया गन्ना भुगतान को लेकर जहां एक ओर अब जिला प्रशासन ने मिल प्रबंधकों पर शिकंजा कसने के लिए पहले मिल मालिक उमेश मोदी व मिल के अधिशासी अधिकारी वेदपाल मलिक दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। अब जिला प्रशासन वसूली के लिए मोदी चीनी मिल के खिलाफ बकाए को लेकर आरसी जारी करने तथा उसकी एवज में संग्रह शुल्क वसूलने की भी योजना बना रहा है। इसके साथ ही गन्ना समिति को कमीशन भी वसूल करना है। कुल मिलाकर मोदी चीनी मिल से प्रशासन को 222 करोड़ रुपए से ज्यादा की वसूली करनी है।
इस वसूली को लेकर गत दो माह से भाकियू व रालोद पार्टी के नेता तहसील दिवस एवं गन्ना समिति की बोर्ड बैठक में डीएम, एसडीएम एवं जिला गन्ना अधिकारी के समक्ष जमकर हंगामा करते आ रहे थे। जिला प्रशासन ने पेराई सत्र बंद होने के तीन बाद ही शुक्रवार की शाम गन्ना समिति के सचिव अजय प्रताप सिंह ने मोदी चीनी मिल के मलिक उमेश मोदी, अधिशासी अधिकारी वेदपाल मलिक के खिलाफ मोदीनगर थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। रिपोर्ट दर्ज होते ही मिल प्रबंधकों के बीच खलबली मच गई है।
यह भी पढ़ें- राजभर के बिगड़े बोल, अब भाजपा विधायक की इस जानवर से की तुलना, प्रदेश की राजनीति में आया भूचाल उधर, तहसीलदार उमाकांत तिवारी ने तहसील कर्मियों व राजस्व टीम के माध्यम से मिल का रिकार्ड तलब किया है, जिसके मुताबिक मिल के गोदामों में स्थित दो लाख 36 हजार क्विंटल चीनी, दो लाख 40 हजार क्विंटल शीरा को कुर्क करने की कार्रवाई की योजना बना ली है। गोदाम में इस वक्त करीब 66 करोड़ 65 लाख रूपये की चीनी है। गन्ना समिति के सचिव की ओर से मिल मालिक सहित दो के खिलाफ मोदीनगर थाने में धारा 3/7 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज करवाई है। जिला गन्ना अधिकारी नमिता कश्यप की रिपोर्ट पर जिलाधिकारी रीतु माहेश्वरी की अनुमति के बाद एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
मिल के अन्य अधिकारियों के नाम पर ऊहापोह की स्थिति बता दें कि मोदी चीनी मिल के अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी जिला प्रशासन की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश दिए थे, लेकिन प्रशासन को जानकारी मिली कि अन्य अधिकारियों ने मिल से त्यागपत्र दे दिया है। वह दूसरे विभाग को अब देख रहे हैं, जिसके बाद उनका नाम शमिल नहीं किया गया। नाम को लेकर काफी जद्दोजहद के बाद केवल मिल मालिक और अधिशासी के नाम पर निर्णय लिया गया। इससे पूर्व पांच अधिकरियों के नाम रिपोर्ट दर्ज होती थी।
यूपी के इस मॉल में हाई प्रोफाइल लड़कियाें से कराया जा रहा था गंदा धंधा, अंदर का नजारा देख पुलिस भी रह गई दंग जल्द शुरू होगी नीलामी की कार्रवाई तहसीलदार उमाकांत तिवारी ने कहा कि मोदी चीनी मिल की चीनी, शीरा व जमीन को प्रशासन ने पहले ही चिन्हाकंन कर रखा है। कुर्की की कार्यवाही होने के बाद अब जल्द ही नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
वहीं जिला गन्ना अधिकारी नमिता कश्यप ने बताया कि मोदी चीनी मिल पर वित्त वर्ष 2017-18 के पेराई सत्र के 222 करोड़ रुपए, ब्याज 11.93 करोड़ रुपए एवं पिछले सत्र का 3.51 करोड़ रुपए बकाया है। गन्ना समिति का कमीशन प्रदेश सरकार से लिया जाएगा।