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दरअसल, माता-पिता किसी भी व्यक्ति के जीवन का आरंभ होता है। माता-पिता के बिना किसी मनुष्य के जीवन की कल्पना करना भी संभव नहीं है। जहां मां ममता और प्यार का सागर होती है। वहीं पिता व्यक्ति के जीवन की मजबूत नींव रखने में भूमिका अदा करते हैं। पिता एक ताकत और सहारा होने के साथ ही अपने बच्चे को दुनिया से लड़कर अपना मुकाम हासिल करना सीखाता है। 2018 में यानी इस बार फादर्स-डे 17 जून को मनाया जाएगा। गौरतलब है कि ये हर साल जून के तीसरे रविवार को बनाया जाता है।
ऐसे हुई फादर्स-डे मनाने की शुरुआत
अब हम आपको बताते हैं कि फदर्स-डे मनाने की शुरुआत कैसे और कहां से हुई। इतिहास के मुताबिक सबसे पहला ऑफिसियल फादर्स-डे 19 जून 1910 को मनाया गया थी। इसकी शुरुआत वॉशिंगटन के स्पोकेन शहर की सोनोरा डॉड ने की थी। दरअसल, सोनोरा की मां की उनके बचपन में ही मौत हो गई थी। इसके बाद उनके उनके पिता ने ही अकेले उनका पालन-पोषण किया था। अपने पिता की इसी कर्बानी से प्रभावित हो कर एक दिन सोनोरा ने सोचा कि क्यों न मदर्स-डे की तरह पिता के सम्मान में भी फादर्स-डे मनाया जाए। इसके बाद वर्ष 1916 में अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस दिवस को मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। इसके बाद फिर 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने इसे राष्ट्रीय आयोजन घोषित कर दिया। 1966 में पहली बार राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इसे जून के तीसरे रविवार को मनाए जाने का फैसला किया। इसके बाद 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने फादर्स-डे यानी जून के तीसरे रविवार को नियमित अवकाश घोषित कर दिया।