यूपी गेट पर 28 नवंबर से किसान घरने धरने पर बैठे है। किसान नए कृषि बिल का विराेध कर रहे हैं और किसान बिल को खत्म कराने पर अड़े हैं। दूसरी ओर सरकार किसानाें की बात मानने काे तैयार नहीं है। इस तरह किसान और दाेनाें ही अपनी बात पर अडिग हैं। अभ किसानाें ने साफ कह दिया है कि दिल्ली की सड़काें पर किसानाें का हल चलेगा। किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि तमाम वार्ता होने के बाद भी सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। अगर सरकार जल्द से जल्द तीनों कानूनों का हल नहीं निकालती है तो अब किसान अगली रणनीति के तहत किसान क्रांति यात्रा की जगह “हाल यात्रा “निकालेंगे जिसके चलते किसान खेत में हल चलाने की बजाय दिल्ली की सड़कों पर हल चलाएंगे।
उन्हाेंने यह भी कहा कि, किसानों ने सरकार से 6 बार वार्ता की है लेकिन किसानों की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार के इस रवैये से किसान बेहद आहत हैं। राकेश टिकैत का कहना है कि भले ही सरकार के प्रतिनिधि किसानों को समझाने का प्रयास करते हुए बार-बार नए कानून की तारीफ कर रहे हाें लेकिन किसान अब इनकी बातों में आने वाला नहीं है। किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे किसानों को पुलिस के द्वारा जगह-जगह रोका जा रहा है लेकिन किसान मानने वाला नहीं है। दूर दराज से आने वाले किसानों काे पुलिस बीच में ही रोकने का प्रयास कर रही है. यदि पुलिस ( ghazibad police )आंदोलन में आने वाले किसानों को रोकने का प्रयास करती है तो वह किसान वहीं पर तंबू लगाकर धरने पर बैठ जाएं जब वहां के लोगों को परेशानी होगी। तो पुलिस खुद-ब-खुद किसानों को आंदोलन में आने देगी। किस भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत लगातार जगह-जगह धरने पर बैठे किसानों को संबोधित कर रहे हैं।