उल्लेखनीय है कि लोनी इलाके के करीब आधा दर्जन गांव के किसानों की करीब 2614 एकड़ जमीन आवास विकास परिषद ने मंडोला विहार योजना विकसित करने के लिए अधिग्रहित की थी। लेकिन, जो मुआवजा यहां के किसानों को दिया गया उससे किसान खुश नहीं हैं। किसान करीब 5 साल से नई नीति के आधार पर उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस इलाके में आवास विकास के द्वारा किए जा रहे सभी निर्माण कार्य किसानों ने रोक दिए हैं। अब 4 दिन से 17 किसानों ने आमरण अनशन करते हुए गड्ढे खोदकर सांकेतिक समाधि ले रखी है। हालांकि इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों से वार्ता का भी प्रयास किया, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। जब प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई वार्ता विफल होती नजर आई तो किसानों के साथ 15 महिलाओं ने भी सांकेतिक समाधि लिए लेने की घोषणा कर दी है। इसके लिए शनिवार को ही गड्ढे खोदने शुरू कर दिए गए थे। महिलाओं की सांकेतिक समाधि से पहले सुरक्षाकर्मियों और किसानों के बीच टकराव की संभावना बनी हुई है।
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Farmers Protest : गड्ढे खोदकर सांकेतिक समाधि लेने वाले तीन किसानों की बारिश के चलते हालत बिगड़ी किसान नेता नीरज त्यागी और मनवीर तेवतिया ने बताया कि उचित मुआवजा नहीं दिए जाने के कारण करीब 2000 किसान प्रभावित हैं और पिछले 5 साल से लगातार अपनी मांगों को लेकर यहां धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन, किसी ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया है। अब इससे आहत 17 किसान चार दिन से सांकेतिक समाधि लिए हुए हैं। हाल में प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता विफल होने के बाद अब 15 महिलाओं ने भी सांकेतिक समाधि लेने का निर्णय लिया है। किसान नेताओं का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने भारी सुरक्षा बल तैनात कर देर रात करीब 2 बजे जेसीबी मशीन से गड्ढों को भरना शुरू कर दिया था। इस दौरान वहां मौजूद किसान खुद गड्ढे में लेट गए तो सुरक्षाकर्मियों ने उनके ऊपर ही मिट्टी डाल दी। किसान नेताओं का आरोप है कि प्रशासन आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहा है।