प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भले ही प्रदूषण की रोकथाम के लिए कड़ी कार्रवाई कर रहा हो, लेकिन प्रदूषण के स्तर में कहीं कोई गिरावट नहीं आ रही है। गाजियाबाद का एक्यूआई शनिवार को भी 430 के ऊपर रिकार्ड किया गया। इस समय भी गाजियाबाद देश में सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में सबसे ऊपर है।
प्रदूषण फैलाना पड़ा महंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट चार की मुख्य सड़क पर पानी का छिड़काव न करने पर नगर निगम पर 25 लाख रुपये, महामाया स्टेडियम के पीछे कूड़ा जलाने पर 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। वहीं मोदीनगर में औद्योगिक निर्माण की लार्सन एंड टर्बो लिमिटेड पर प्रदूषण फैलाने पर 50 लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
प्रदूषण की रोकथाम के लिए भले की लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन गाजियाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट नहीं आ रही है। पिछले एक सप्ताह से हालात बेहद खराब बने हुए हैं। पिछले कई दिनों से वायुमंडल में धुंध छाई हुई है। दीपावली के बाद से जिले में प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में है।
देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा गाजियाबाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आंकड़े देखें तो गाजियाबाद देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 461 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में लगने वाला जाम, सड़कों से उड़ती धूल, नियमों को ताक पर रख कर हो रहे निर्माण, सड़कों पर पानी का छिड़काव न होना, कूड़ा जलाने, अवैध तरीके से संचालित हो रही फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं आदि से गाजियाबाद में प्रदूषण हो रहा है। प्रदूषण के कारण गाजियाबाद के लोगों को आंखों में जलन और सांस के मरीजों को सांस लेने में समस्या का समाना करना पड़ रहा है।