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सहारनपुर में मास्क नहीं लगाने वालों काे अनोखी सजा, सजा पाने वाले बाेले थैंक्यू पुलिस आपको बताते चलें कि गाजियाबाद के एडीएम सिटी शैलेंद्र प्रताप सिंह बेहद कर्मठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। उधर, उनकी पत्नी गुंजा सिंह जो कि एसडीएम जेवर है। उन्हें भी कर्मठ प्रशासनिक अधिकारी माना जाता है। जिस दौरान श्रमिकों का पलायन हुआ उस दौरान पूरी कमान एडीएम सिटी शैलेंद्र प्रताप सिंह नहीं संभाली हुई थी। श्रमिकों के खाने से लेकर उनके गंतव्य तक पहुंचाए जाने का जिम्मा शैलेंद्र प्रताप सिंह नहीं संभाला था। लॉकडाउन के दौरान लोगों को परमिशन भी शैलेंद्र प्रताप सिंह द्वारा ही दी जा रही थी। रात-दिन शैलेंद्र प्रताप सिंह द्वारा बखूबी ढंग से इस दौरान कई कार्यों को पूरा किया गया।
उधर, उनकी पत्नी गुंजा सिंह भी लॉकडाउन के दौरान सभी जगह की स्थिति का जायजा ले रही थी, जितने भी मरीज कोविड-19 संक्रमित होते थे। उनकी देखरेख के लिए भी वह स्वयं ही मौके पर पहुंचकर पूरी स्थिति का जायजा ले रही थीं, लेकिन अचानक ही दोनों पति-पत्नी कोविड-19 संक्रमित हो गए। इसके बाद एडीएम सिटी शैलेंद्र प्रताप सिंह को कौशांबी स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि उनकी पत्नी गुंजा सिंह को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं इनके संपर्क में रहने वाले 14 अन्य लोगों को भी क्वारंटीन किया गया।
जैसे ही इन दोनों के कोविड-19 संक्रमित होने की सूचना लोगों को मिली तो प्रशासनिक गलियारे में भी डर का माहौल हो गया और हर कोई अपने आप को सुरक्षित रखते हुए ड्यूटी निभा रहा है। इन दोनों के कोविड-19 संक्रमित होने के बाद दवा और सभी शुभचिंतकों की दुआओं का ही असर दिखाई दिया, जिसके चलते दोनों ने ही अब कोरोना को मात दे दी है, लेकिन 14 दिन उनके परिवार के लिए बेहद टेंशन भरे गुजरे हैं। क्योंकि आपस में भी यह नहीं मिल सके थे और उधर बच्चों को भी इनसे अलग रखा गया था। अब दोनों ही पूरी तरह स्वस्थ है और दोनों को ही डिस्चार्ज कर घर भेजा जा रहा है।