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दरअसल, मामला पिलखुवा थाना क्षेत्र के बछेड़ा खुर्द गांव का है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कासिम की खेत में एक गाे वंश घुस गया था, जिसे कासिम और उसका साथी समीउद्दीन घेरकर भगा रहे थे। इसी बीच गांव के ही कुछ लोगों ने गो हत्या की अफवाह फैला दी। गो हत्या की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे हिन्दूवादी दबंगों ने कासिम और समीउद्दीन पर हमला बोल दिया। इस दौरान कासिम और समीउद्दीन को बेरहमी से पीटा गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, उपचार के दौरान कासिम की मौत हो गई। वहीं, समीउद्दीन का इलाज चल रहा है। इधर, घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आलाधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने पीड़ित के भाई की तहरीर पर 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है। गांव में तनाव को देखते हुए डीएम ने मौके पर भारी सुरक्षाबल को तैनात कर दिया है।
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गौरतलब है कि केन्द्र में मोदी सरकार के काबिज होने के बाद लगातार दलितों और मुसलमानों के खिलाफ भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का चलन तेजी से बढ़ा है। 2014 में भाजपा के केन्द्र में सत्ता में आने के बाद नोएडा के दादरी इलाके में सबसे पहले अखलाक की गौकशी के आरोप में हत्या की गई थी। इस घटना के बाद देश और दुनियाभर में इसकी तीखी आलोचना हुई थी। लेकिन किसी भी आरोपी को सख्त सजा नहीं मिलने की वजह से उपद्रवियों के हौसले बुलंद है। यहां वजह है कि आए दिन देश के किसी ने किसी हिस्से से दलितों और मुसलमानों को भीड़ के हाथों पिटने का मामला सामने आ रहा है। गौरतलब है कि अभी हाल ही में मगाराष्ट्र के शिरडी में सवर्णों के कूएं से पीनी पीने के आरोप में दो दलितों को नंगाकर अधमरा कर दिया गया था। वहीं, गुजरात के महशाणा में एक दलित युवक को इस लिए बेरहमी से पीटा गया, क्योंकि उसने ब्रांडेड जूते पहन रखे थे।