पिता ने घर से निकालते हुए बताई थी यह वजह
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए खुद 17 वर्षीय किशोरी ने बताया कि वह अपने मम्मी-पापा के साथ पिछले काफी समय से थाना विजयनगर इलाके में रह रही थी। किशोरी ने बताया कि कुछ समय पहले उसके पापा ने उसकी मम्मी और उस को घर से बाहर निकाल दिया। इसकी वजह पूछने पर पिता ने कहा कि वह उनकी बेटी नहीं है। जब किशोरी को यह पता लगा तो उसके होश उड़ गये। इस बात की पुष्टि के लिए किशोरी के द्वारा सच्चाई जानने के लिए अब जिलाधिकारी और एसएसपी से अपना डीएनए टेस्ट कराए जाने की मांग की है।
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अपनी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की मांग को लेकर भटक रही किशोरी
अब किशोरी अपनी पहचान के लिए दर बदर भटकने को मजबूर हो रही है। उधर न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया गया और न्यायालय द्वारा भी सबूत मांगा गया। उधर आरोप है कि पुलिस द्वारा भी इस किशोरी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जिसके चलते पीडि़ता परेशान होकर पीडि़ता गाजियाबाद के जिलाधिकारी से मिलने गई, लेकिन वह किसी कारण वश नहीं मिल पाये तो सिटी मजिस्ट्रेट से उनकी मुलाकात हुई और मां बेटी ने आपबीती सिटी मजिस्ट्रेट को बताई। यहां किशोरी ने अपने डीएनए टेस्ट कराए जाने की मांग की। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा थाना विजय नगर के थाना अध्यक्ष को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। उसके बाद मां-बेटी गाजियाबाद के एसएसपी से मिलने पहुंची। जहां से उन्हें महिला थाने भेज दिया गया। जहां किशोरी के द्वारा ही कहा गया है कि उसका और उसके बाप का डीएनए कराया जाए। जिसके बाद पूरी सच्चाई सामने आ सके।
उधर इस पूरे मामले में सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि एक किशोरी अपनी मां के साथ आई थी। जिसके द्वारा अपना और अपने पिता का डीएनए टेस्ट कराए जाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि पीडि़ता के द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर थाना विजय नगर के थाना अध्यक्ष को यह पूरा मामला अब सौंपा गया है। इस पूरे मामले कि गहनता से जांच के बाद इस पूरे मामले की कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी तथ्य सामने आते हैं। उसके आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।