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गरियाबंद

पानी की तलाश में भटककर गांव में घुसा भालू, इधर…खेत-खलिहान में जंगली सूअर ने जमाया अड्डा

Gariaband News: जिले में गुरुवार सुबह विकासखंड के ग्राम चौबेबांधा, बेलटुकरी, देवरी आदि गांवों में भालू आने की खबर से क्षेत्र में दहशत फैल गई।

गरियाबंदJun 17, 2023 / 05:55 pm

Khyati Parihar

The bear wandered into the village in search of water

पानी की तलाश में भटककर गांव में घुसा भालू

Chhattisgarh News: जिले में गुरुवार सुबह विकासखंड के ग्राम चौबेबांधा, बेलटुकरी, देवरी आदि गांवों में भालू आने की खबर से क्षेत्र में दहशत फैल गई। ग्रामीणों की सूचना वन विभाग की टीम सुबह 6 बजे ग्राम चौबेबांधा पहुंची और भालू को खदेड़ना शुरू किया। भालू वन विभाग की टीम को छकाते हुए ग्राम बेलटुकरी होते हुए दोपहर 1 बजे के आसपास ग्राम देवरी के खेतों से भाग निकला।
देवरी के खेतों में रोपा के लिए सिंचाई हो जाने के कारण वन विभाग की टीम आगे भालू को खदेड़ने में सफल नहीं हो पाई। वहीं,भालू को खदेड़ने के दौरान गांवों के खेतों में दर्जनों जंगली सूअर भी मिले। भालू के (cg news) साथ-साथ सूअरों को भी खदेड़ने का प्रयास किया गया। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के खेत-खलिहान में अपना अड्डा जमा चुके जंगली सूअरों को वन विभाग की टीम खदेड़ने में नाकामयाब रही।
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घरों में घुसकर खाद्य सामग्रियां चट कर गया

क्षेत्र में भालू घुसने की खबर अंचल के गांवों में फैलते ही देवरी के आगे के गांव रोहिना, टेका, लोहरसी, सहसपुर के ग्रामीण सचेत हो गए। वन विभाग की टीम ने संभावना जताई है कि उक्त भालू ग्राम मुरमुरा स्थित झरझरा जंगल से आया होगा। क्योंकि, उस क्षेत्र में पहले से ही भालू मौजूद हैं। जो बीच-बीच में ग्राम मुरमुरा व फुलझर के कई घरों में घुसकर खाद्य सामग्रियों को बिखेरकर तेल, गुड़, शक्कर को खाकर चले गए हैं।
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जंगल में पानी की व्यवस्था नहीं, गांवों में घुस रहे वन्यप्राणी

वन विभाग द्वारा जंगल में वन्यप्राणियों के लिए बारिशकाल के दौरान पानी का संरक्षण नहीं किया जाता है। जिसके कारण ग्रीष्मकाल शुरू होते ही वन्यप्राणी ग्रामीण अंचल में आते हैं। जिससें लोगों में जान-माल की नुकसान होने की आशंका बनी रहती है।
वहीं, जंगली सूअर तो जंगल को भूलकर ग्रामीण क्षेत्रों के खेत-खलिहान में अपना जमावड़ा बना लिया है। जिसके कारण आए दिन राहगीरों व खेतों में काम करने वाले मजदूरों पर हमला कर देते हैं। जंगली सूअर के हमलों (gariaband news) से कई ग्रामीण घायल हो चुके हैं। जिसमें से कुछ को तो उनके इलाज का अब तक क्षतिपूर्ति राशि नहीं दी गई है।

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