सोमवार को राजिम माता जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवाददाताओं से कहा कि राजिम पुन्नी माघी मेला आयोजन के लिए हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि इसके संशोधन के लिए विधानसभा में बिल लाया जाएगा। यहां के जनप्रतिनिधियों व नागरिकों को आमंत्रित कर बैठक करते हुए उनसे मशविरा लिया जाएगा, उसके अनुसार ही राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन किया जाएगा।
नवापारा निवासी मो. अमजद रजा ने बताया कि पहले लगभग साल भर नदी में पानी मौजूद रहता था, लेकिन आज स्थिति यह है कि गर्मी में लोग पानी की बंूद के लिए तरसते हैं। अभी ठंड है और इस मौसम में भी नदी में पानी नहीं है। इसे भविष्य की चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए। भाजपा सरकार को जो करना था, उसने किया । लेकिन अब
कांग्रेस की सरकार ऐसा न करे।
त्रिवेणी संगम अस्तित्व खतरे में
महानदी का अस्तित्व खतरे में दिखाई दे रहा है, क्योंकि यहां हर साल मेले के नाम पर मुरुम की सडक़ बना दी जाती है। उसके बाद उसे हटाने की कोई व्यवस्था नहीं की जाती। हम यहां के पुराने नागरिक निवासी हैं और नदी के पुराने स्वरूप को देखते आए हैं, लेकिन वर्तमान में महानदी का जो स्वरूप हो गया है, उससे आत्मा दुखी होती है।
दूसरी ओर राजिम विधायक अमितेष शुक्ल ने कहा कि वे खुद महानदी में मुरुम डालने के प्रबल विरोधी थे। हमने यहां की जनता के साथ खुद इसका विरोध किया था। लेकिन पूर्ववर्ती सरकार अपनी करनी पर उतारू थी। अब हमारी सरकार है और महानदी की हत्या जैसा जघन्य कदम की अपेक्षा हमारी सरकार से नहीं की जा सकती । हम महानदी को पूर्वरूप में लाने की दिशा में प्रयास करेंगे।