रेलवे स्टेशन की यादों को सहेजकर रखे जाने के सवाल पर डीआरएम ने कहा कि इलाहाबाद में एक अभी इस काम को किया गया है। टूंडला के लिए भी किसी पुराने डिब्बे की तलाश की जाएगी, जिसे पहचान के रूप में यहां रखा जा सके। करीब पांच साल पूर्व बने कम्युनिटी हॉल के जर्जर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इतनी जल्दी बिल्डिंग जर्जर नहीं होनी चाहिए। इसकी जांच कराई जाएगी और संबंधित ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
रेल कर्मियों की समस्याएं होंगी दूर
रेलवे कॉलोनियों में पानी की व्यवस्था, जर्जर आवासों की मरम्मत और सड़कों की समस्या को दो महीने के अंदर दूर करने का अश्वासन डीआरएम ने दिया। रेलवे अस्पताल में चिकित्सकों की कमी और एनसीआर कॉलेज में शिक्षण कार्य को लेकर उन्होंने सुधार किए जाने की बात कही। कोच लोकेटर, एक्सक्लेटर (स्वचालित सीढिय़ां)शीघ्र बनवाने का आश्वासन भी दिया।
रेलवे की जर्जर इमारतों को सहेजकर रखे जाने और उनका प्रयोग करने के लिए डीआरएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया। इस मौके पर डीटीएम समर्थ गुप्ता, एसीएम सुगंधा सिंह, सीनियर डीईएन अतुल अग्रवाल, स्टेशन मास्टर अमर सिंह, डब्ल्यूएमआई राकेश ग्रोवर, सीनियर डीएमओ डॉ. अविनाश समेत अन्य मौजूद रहे।