कल तक समाजवादी पार्टी का झंडा उठाने वाले आज सैक्युुलर मोर्चा के बैनर तले आकर खड़े हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के दिग्गज कहे जाने और मुस्लिम वोट बैंक को एक तरफा करने वाले पूर्व विधायक अजीम भाई को शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी का जिलाध्यक्ष बना दिया है। वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व सिरसागंज विधायक हरीओम यादव के बेटे विजय प्रताप सिंह उर्फ छोटू याद व भी शिवपाल यादव के खेमे में चले गए हैं। मुलायम सिंह यादव के रिश्तेदार जसराना के पूर्व विधायक रामवीर यादव वर्तमान में भाजपा में शामिल हैं लेकिन शिवपाल उन्हें भी अपनी पार्टी में शामिल करने को प्रयासरत हैं। माना जा रहा है कि इस लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव की पार्टी फिरोजाबाद में सक्रिय पदाधिकारियों की फौज खड़ी कर सकती है। इसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
फिरोजाबाद लोकसभा सीट शुरू से ही खास रही है। यहां से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी चुनाव जीत चुके हैं। सीट छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल यादव को कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर के सामने चुनाव लड़ाया था। हालांकि राजबब्बर ने डिंपल यादव को हरा दिया था। उसके बाद प्रो. रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव और वर्तमान में प्रदेशा सरकार मेें कैबिनेट मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल भी चुुनाव लड़े थे। जिसमें एसपी सिंह बघेल को हार का सामना करना पड़ा था। अब आने वाला सममय बताएगा कि फिरोजाबाद सीट का सरताज कौन होगा।
समाजवादी पार्टी हर चुनाव में जिले की सिरसागंज, शिकोहाबाद और जसराना क्षेत्र से बढ़त बनाकर आसानी से चुनाव जीत जाती है लेकिन इस बार तीनोें ही जगह पर सपा के मददगार के रूप में खड़े होने वाले विधायक हरीओम यादव और पूर्व विधायक रामवीर यादव बागी बनकर खड़े हैं।
राजनीति के गलियारोें में भले ही भूकंप मचा हो लेकिन भाजपा अभी चुप्पी साधे बैठी है। वह आने वालेे समय के इंतजार में है। भाजपा की ओर से अभी तक किसी भी प्रत्याशी के बारे में जिक्र नहीं किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी यह सोचकर बेफिक्र है कि बसपा के गठबंधन के बाद दलित वोट बैंक उनके बागियों द्वारा काटे जाने वाले वोट बैंक की भरपाई कर देगा। हकीकत तो चुनाव लजदीक आने के बाद ही पता लग सकेगी।