बीसीसीआई को फायदा या नुकसान?
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार वीवो और बीसीसीआई के 440 करोड़ रुपए का एग्रीमेंट हुआ था। अब यह एग्रीमेंट पर डिपेंड करता है कि आखिर बीसीसीआई को कंपनी को रकम देनी पड़ी या फिर नहीं। जानकारों की मानें तो वीवो आईपीएल शुरू होने से कुछ महीने बाहर हो गई है। दोनों संस्थानों के बीच का एग्रीमेंट तय करेगा कि आखिर रुपयों का नुकसान किसे ज्यादा हुआ है? अगर एग्रीमेंट वीवो के फेवर में होगा तो बीसीसीआई को रुपए देने पड़े होंगे। वर्ना नुकसान वीवो को भी होने की संभावना है।
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अगर नहीं मिलता स्पांसर
यह तय हो चुका है कि आईपीएल 2020 यूएई में खेला जाएगा। ऐसे में भारत को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले स्पांसर नहीं मिलता है तो मैचों के आयोजन से पहले होने वाले खर्चों का वहन खुद बीसीसीआई को करना होगा। जो कि एक बड़ी रकम होती है। खिलाडिय़ों के होटल बुकिंग से लेकर ग्राउंड बुक कराने तक की पूरी जिम्मेदारी बीसीसीआई को लेनी होगी। ऐसे में बीसीसीआई पर आईपीएल को कराने का आर्थिक बोझ काफी बढ़ जाएगा।
सक्षम है बीसीसीआई
दिशा कंयूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड यूपी-हरियाणा के बिजनेस हेड अमर त्यागी के अनुसार वीवी के जाने से बीसीसीआई के लिए कोई चिंता की बात नहीं है। अगर कोई स्पांसर नहीं भी मिलता है तो बीसीसीआई आईपीएल का खर्चा उठाने में काफी सक्षम है। बीसीसीआई खुद आईपीएल का आयोजन बिना स्पांसर के करा सकता है। दुनिया का सबसे बोर्ड और दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग का आयोजक आर्थिक रूप से बिल्कुल भी कमजोर नहीं है।
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कई इंडियन कंपनी कतार में
अमर त्यागी के अनुसार अगर बात स्पांसरशिप की ही है तो आईपीएल अपने आप में खुद इतना बड़ा ब्रांड है कि उसके बाद देश की कोई भी कंपनी जुड़ सकती है। देश में ऐसी कई कंपनियां हैं जैसे रिलायंस, पेटीएम, बायजूस काफी कंपनियां बीसीसीआई के साथ जुड़ सकती है। आरआईएल की तो खुद की आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस भी है, जो दुनिया की सबसे अमीर क्रिकेट फ्रेंचाइजी में से एक है। ऐसे में बीसीसीआई के पास स्पांसरशिप की कोई कमी नहीं है।
स्टार इंडिया को हो सकता है नुकसान
वहीं बात ब्रॉडकास्टर की करें तो स्टार इंडिया को वीवो के जाने का नुकसान उठाना पड़ सकता है। आईपीएल के दौरान वीवो के काफी एड देखने को मिलते हैं। अब इसमें कमी या बिल्कुल भी देखने को नहीं मिल सकते हैं। अगर वीवो अपने एड आईपीएल के दौरान हटाता है तो स्टार इंडिया को 200 से 250 करोड़ रुपए के नुकसान की संभावना है।
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दूसरी चीनी कंपनियां भी दिख सकती हैं कम
वहीं वीवो के हटने से आईपीएल के दौरान दूसरी चीनी कंपनियों के ब्रांड भी कम देखने को मिल सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईपीएल के दौरान ओप्पो, रियलमी, वन प्लस, रेडमी एवं शियाओमी, हुवावे, जेडटीई, लेनेवो, मीजू, कूलपैड, जोपो, टेक्नो आदि कंपनियां कम से कम 600 से 700 करोड़ रुपए का एड देती हैं। जो इस बार कम होने की संभावना है। इस बार वीवो की वजह से स्टार इंडिया और हॉट स्टार को 500 करोड़ रुपए के नुकसान होने की संभावना है।
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1500 करोड़ रुपए के रेवेन्यू लॉस की संभावना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्टार इंडिया को इस साल 3000 करोड़ रुपए रेवेन्यू होने की संभावना थी, लेकिन भारत और चीन के बीच टेंशन की वजह से संभावित रेवेन्यू में 50 फीसदी की नुकसान सानी 1500 करोड़ रुपए के नुकसान होने की संभावना है। पिछले साल आईपीएल के 12वें एडिशन में स्टार इंडिया के रेवेन्यू में 20 फीसदी का उछाल हुआ था और 2200 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था। जबकि टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफॉर्म से 2018 में कंपनी को 1750 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था। इस साल कंपनी को इस नंबर तक पहुंचने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।