इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ईमेल का जवाब न देना – आईटी डिपार्टमेंट में काम करने वाले अधिकारियों का कहना है कि आयकर विभाग से भेजे गए ईमेल का जब करदाता यानी टैक्सपेयर्स जवाब नहीं देते हैं तो ऐसे में उनका रिफंड अटक जाता है ।डिपार्टमेंट की ओर से भेजे जाने वाले ईमेल में टैक्सपेयर से उनकी बकाया मांगे उनके बैंक खाते और रिफंड में किसी भी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांगी जाती है और जब यह जानकारी विभाग तक नहीं पहुंचती है तो ऐसे में वह रिफंड प्रोसेस नहीं करते हैं ।इसलिए अगर आपका रिटर्न अभी तक वापस नहीं आया है तो आप चेक कर सकते हैं कि कहीं आप यह गलती तो नहीं कर रहे ।
रिफंड न आने का दूसरा सबसे बड़ा कारण होता है बैंक अकाउंट ( bank account ) का प्रीवैलिडेट ना होना- जिस खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना होता है उस बैंक खाते को अगर टैक्सपेयर्स प्रीवैलिडेट नहीं करता यानी टाइम से वेरीफाई नहीं कर आते हैं तब भी इनकम टैक्स रिफंड अटक जाता है ।इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपका रिफंड आपको टाइम से मिले तो आप अपने अकाउंट को सत्यापित जरूर करा लें क्योंकि टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद आपका जो भी रिटर्न बनेगा वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए इसी अकाउंट में भेजेगा ।
रिटर्न ( ITR ) वेरीफाई ना करना –कई बार कि लोग इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return ) तो टाइम पर भर देते हैं लेकिन वह अपने रिटर्न को वेरीफाई नहीं करते जब तक आप इसे वेरीफाई नहीं करेंगे आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होता इसीलिए रिफंड मिलने में भी देरी हो जाती है ।
आमतौर पर इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return ) कर रिफंड ( Refund ) मनी में 2 से 3 महीने का समय लग जाता है लेकिन अगर आप कोई से ज्यादा का वक्त लग रहा है तो आप इन कारणों में से देख सकते हैं कि आपका रिटर्न आखिर क्यों नहीं आया और अगर आप अपने रिफंड का स्टेटस चेक करना चाहते हैं तब भी आप refundstatuslogin.html पर यह जानकारी ले सकते हैं