क्या है पूरा मामला
वास्तव में दुनिया के सबसे बड़े विज्ञापनदाताओं में से एक यूनिलीवर ने कहा कि अब फेसबुक के प्लेटफॉम्र्स पर विज्ञापन बंद करने का ऐलान कर दिया है। बीते कुछ हफ्तों में दुनियाभर की बड़ी कंपनियों ने सोशल मीडिया कंपनियों फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर अपने विज्ञापनों को लगा दी है। जिसकी वजह से सोशल मीडिया कंपनियों को विज्ञापन को काफी रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है। विज्ञापन रोकने वाली कंपनियों में वेरिजॉन, लेंडिंग क्लब, नाथ फेस और खासकर यूनिलीवर आदि का शामिल है।
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फेसबुक को हुआ नुकसान
यूनीलीवर के विज्ञापन ना देने की बात जैसे ही मार्केट में आई, तो फेसबुक के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 8.3 लुढ़क गया। जिसकी वजह से कंपनी की मार्केट वैल्यू को 56 अरब डॉलर का नुकसान हुआ। वहीं बात फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग की बात करें तो उन्हें भी इस केस में कम नुकसान नहीं हुआ है। आंकड़ों की बात करें तो मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति को 7.2 बिलियन डॉलर यानी भारतीय रुपयों के अनुसार 54 हजर करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
फेसबुक पर कार्रवाई के आसार
वहीं दूसरी ओर फेसबुक पर अब कार्रवाई का भी खत मडात हुआ दिख्खाई दे रहा है। ग्लोबल मीडिया के अनुसार अमेरिका के डिजिटल एडवर्टाइजिंग का 30 फीसदी हिस्सा फेसबुक के पास है। फेसबुक के पास तीन अरब से ज्यादा यूजर्स हैं। लगातार विवादों में आने के बाद भी फेसबुक सभी को दरकिनार कर लगातार आगे बढ़ता रहा है। अकाउंट डिलीट करने और बॉयकॉट की धमकियों के बावजूद इसके विज्ञापन रेवेन्यू में 2019 में 27 फीसदी से अधिक की तेजी देखने को मिली है। साथ ही 69.7 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू प्राप्त किया।
पहले से ही थी फेसबुक को आशंका
फेसबुक को कोरोना वायरस के दौरान विज्ञापन कम आने और उसकी वजह से रेवेन्यू में गिरावट की पहले से ही आशंका थी। फेसबुक के अनुसार विज्ञापनदाता कोरोनावायरस महामारी की वजह से खर्चों में कटौती कर रहे हैं। अब लागत में कटौती और समाज में नस्लीय अन्याय के बारे में जनता की चिंताओं का दबाव है।