सरकार अपने इस मकसद को जल जीवन मिशन ( Jal Jeevan Mission Yojna ) के जरिए पूरा करेगी। इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 3.6 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया है। सरकार अपनी इस योजना के तहत देश के हर नागरिक के घर में पाइप लाइन के जरिए पानी पहुंचाएगी, ताकि देश में लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी मिल सकें।
गंभीर जल संकट से निपटने के लिए नमक से पानी का ट्रीटमेंट ( Water Treatment ) किया जाएगा। देश में तकरीबन 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत से जूझ रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब दो लाख लोग स्वच्छ पानी न मिलने की वजह से जान गंवा देते हैं।
सीडब्ल्यूएमआई की रिपोर्ट में जल संकट से उपजने वाली गंभीर समस्याओं के बारे में आगाह भी किया जा चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध जल वितरण की दोगुनी हो जाएगी। इसका मतलब है कि करोड़ों लोगों के सामने पानी का गंभीर संकट पैदा हो जाएगा।
स्वतंत्र संस्थाओं द्वारा जुटाए गए डाटा के मुताबिक 70 प्रतिशत प्रदूषित पानी के साथ भारत जल गुणवत्ता सूचकांक में 122 देशों में 120वें पायदान पर है। साल 2030 तक देश की 40 फीसदी आबादी को पीने का पानी उपलब्ध नहीं होगा और 2050 तक जल संकट की वजह से देश की जीडीपी को 6 प्रतिशत का नुकसान पहुंच सकता है।
पिछलो दिनों ही चेन्नई जैसे कई शहरों में पानी की कमी ने हमारे देश में जल संकट की तरफ एक बार फिर से लोगों का ध्यान खींचा था। हालांकि पर्यावरणविद् और स्वयंसेवी संगठन काफी लंबे वक्त से सचेत कर रहे थे कि अगर सरकार ने समय रहते उचित कदम न उठाएं तो भारत को इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।