बैंक खाताधारकों की 5 लाख रुपए तक की रकम का बीमा
वित्तमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा कि ‘भरोसेमंद और मजबूत फाइनेंशियल सेक्टर की हमें जरूरत है। फाइनेंशियल आर्किटेक्चर में लगातार मजबूती की जरूरत है। हमने कुछ बैंकों का विलय किया है। पब्लिक सेक्टर बैंकों में हमने पूंजी लगाई है ताकि वे प्रतिस्पर्धी बनें। सभी शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों पर निगरानी की व्यवस्था है ताकि लोगों का जमा पैसा सुरक्षित रहे। डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज को भी विस्तार दिया है। डिपॉजिटर के लिए इंश्योरेन्स कवर एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख किया जा रहा है।’
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इस वजह से लिया ये फैसला-
आपको बता दें कि हाल कि दिनों में जिस तरह से बैंको के दिवालिया होने की खबरें आ रही थी उससे आम आदमी का बैंकों में भरोसा कम हो रहा था । पीएमसी बैंक घोटाला सामने आने के बाद बैंक में जमा राशि की सुरक्षा ने एक बार फिर सरकार का ध्यान खींचा है। सरकार पर बैंक में जमा राशि की सुरक्षित सीमा बढ़ाने को लेकर काफी दबाव बना हुआ था। यही वजह है सरकार ने ये कदम उठाया है ।
वहीं इसकी दूसरी सबसे बड़ी वजह बैंको का बढ़ता NPA है। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे बड़े उद्योगपति बैंकों से लोन लेकर I&BC ( Insolvency and Bankruptcy Code, 2016 ) द्वारा खुद को दिवालिया घोषित कर देते थे। जिसके चलते बैंको का npa बढ़ता जा रहा था। सरकार के इस कदम से npa कम होने की उम्मीद है।
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तीसरी बड़ी घोषणा जो सरकार ने बैंकिंग सेक्टर में की वो IDBI और LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने से संबंधित थी । IDBI बैंक की शेष पूंजी को स्टॉक एक्सचेंज में बेचा जाएगा वहीं LIC की कुछ हिस्सेदारी भी सरकार ने बेचने का फैसला किया है।