यह भी पढ़ेंः- कच्चे तेल के दाम में इस सप्ताह तेजी के आसार, भारत की इकोनाॅमी पर पड़ेगा भार
सूत्रों ने बताया कि ईसीएफ ( आर्थिक पूंजी फ्रेमवर्क ) समिति के सदस्यों द्वारा प्राप्त फॉर्मूले के अनुसार 50,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने का सुझाव दिया जा सकता है। आरबीआई की सालाना रिपोर्ट 2017-18 के अनुसार, विभिन्न प्रकार की आरक्षित निधियों में आकस्मिक निधि 2.32 लाख करोड़ रुपए, परिसंपत्ति विकास निधि 22,811 करोड़ रुपए, मुद्रा व स्वर्ण पुनर्मूल्यांकन खाता 6.91 लाख रुपए और निवेश पुनर्मूल्यांकन खाता रि-सिक्योरिटीज 13,285 करोड़ रुपए है। कुल निधि 9.59 लाख करोड़ रुपए है।
यह भी पढ़ेंः- Petrol Diesel Price Today: लगातार तीसरे दिन पेट्रोल के दाम में इजाफा, डीजल के दाम स्थिर
केंद्र सरकार पूरी आकस्मिक निधि 2.32 लाख करोड़ रुपए चाहती है, लेकिन जालान समिति मुद्रा में उतार-चढ़ाव को लेकर पूरी निधि सरकार को ट्रांसफर करने के पक्ष में नहीं है। सरकार मानती है कि आकस्मिक निधियों व अन्य निधियों के हस्तांतरण के माध्यम से आरबीआई के पास पर्याप्त पूंजी से अधिक रकम है।
यह भी पढ़ेंः- विश्व बैंक ने पाकिस्तान को दिया जबरदस्त झटका, बलूचिस्तान स्थित खदान सौदे में ठोंका 6 अरब डाॅलर का जुर्माना
अटकलें यह लगाई जा रही थीं कि केंद्र सरकार कुल आरक्षित निधि 9.6 लाख करोड़ रुपए की एक तिहाई रकम का हस्तांरतण चाहती है। पिछले साल सरकार ने कहा था कि आरबीआई को 3.6 लाख करोड़ रुपए या एक लाख करोड़ रुपए हस्तांतरित करने के लिए कहने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
यह भी पढ़ेंः- नेत्रहीनों के लिए आरबीआई लाएगा खास ऐप, नोटों की पहचान करने में मिलेगी मदद
सरकार के मना करने के बावजूद मसला ज्यों का त्यों है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में आरबीआई की पूंजी के 27 फीसदी के प्रावधान की जरूरत है। उनके आकलन के अनुसार अगर आरबीआई 14 फीसदी का प्रावधान करता है तो वह 3.6 लाख करोड़ रुपए उपलब्ध कर सकता है।
एक पूर्व बैंकिंग सचिव ने कहा कि घरेलू बांड के लिए विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि और परिसंपत्ति पुनर्मूल्यांकन निधि भारग्रस्त है। सरकार उसको नहीं छू सकती है।
यह भी पढ़ेंः- विजय माल्या ने ट्वीटर पर शेयर की ‘यूनिवर्स बॉस’ क्रिस गेल के साथ फोटो, जमकर हुए ट्रोल
आरबीआई बोर्ड के एक पूर्व सदस्य ने कहा कि कानूनी तौर पर आरबीआई अपनी आरक्षित निधि का त्याग नहीं कर सकता है। वह सिर्फ किसी विशेष वर्ष का मुनाफा सरकार को दे सकता है। सिर्फ आकस्मिक निधि सरकार को हस्तांतरित करने पर विचार किया जा रहा है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.