ओणम का त्यौहार : 1 सितंबर 2019 को हर्षोल्लाष से मनाया जाएगा यह पर्व
इसलिए मनाते हैं थिरूवोनम ओणम का पर्व
थिरूवोनम ओणम का अर्थ श्रावण होता है इस त्यौहार को श्रावण माह के बाद केरल राज्य में चाय, अदरक, इलायची, कालीमिर्च, धान जैसी फसलों के तैयार होने की ख़ुशी में मनाया जाता है और इस त्यौहार में ख़ासतौर पर श्रावण के देवता तथा फूलों की देवी की पूजा की जाती है। 10 दिन तक मनाया जाने वाले इस त्यौहार में लोग अपने घरों को पुष्पों से सजाते हैं, एवं घर आंगन में फूलों की सुंदर सुंदर रंगोली बनाते हैं। महिलायें और किशोरियां इस दिन नाचने गाने में मस्त रहती है और पुरूष तैरने और नौका-दौड़ आदि प्रतियोगिता में शामिल होकर आनंद लेते हैं।
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थिरूवोनम पर इनकी होती हैं पूजा
केरल के लोग ओणम के त्यौहार को नाचते – गाते मानते हैं। इस दिन पूरे राज्य में शेर नृत्य, कुचीपुड़ी, गजनृत्य, कुमट्टी काली, पुलीकली तथा कथकली जैसे लोकनृत्य किये जाते हैं। ओणम के नौवें दिन ही शाम को घर में गणेश जी की मूर्ती और श्रावण देवता की मूर्ति स्थापित कर शुद्ध घी के दीपक जलाएं जाते हैं तथा एक विशेष प्रकार का भोग “पूवड” का भोग लगाया जाता है।
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बनते हैं 64 प्रकार के विशेष पकवान
थिरुओनम ओणम त्यौहार ( Onam Festival 2019 ) का अंतिम दिन सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। थिरुओनम के उपलक्ष्य में केरल राज्य के प्रत्येक घरों में पारम्परिक पकवान जैसे- चावल के आटे में विभिन्न प्रकार की सब्जियों को मिलाकर अवियल बनाया जाता है। इस दिन केले का हलवा, नारियल की चटनी सहित पूरे 64 प्रकार के पकवान बनाएं जाते हैं, जिन्हें ओनसद्या कहा जाता है। इन सभी पकवानों को बनाने के बाद इन्हें केले के पत्तों पर परोस कर खाया जाता है।
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