धर्म शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष के लिए हर साल 365 दिनों मे से सोलह दिन पित्रों के लिए निर्धारित किए गए हैं। इन सोलह दिनों में अपने पूर्वजों की शांति व तृप्ति के लिए घर पर या पवित्र तीर्थ स्थलों में जाकर श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।
ये सोलह दिन के सोलह श्राद्ध सोलह तिथियां
1- पहला श्राद्ध – दिनांक 14 सितंबर 2019 दिन शनिवार को,
श्राद्धपक्ष तिथि – पूर्णिमा के दिन– पहले इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु पूर्णिमा तिथि को हुई हो।
2- दूसरा श्राद्ध – दिनांक 15 सितंबर 2019, दिन रविवार को
– कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि– इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु प्रतिपदा तिथि को हुई हो।
– ( इस तिथि को नानी-नाना का श्राद्ध भी किया जा सकता है।)
3- तीसरा श्राद्ध – दिनांक 16 सितंबर 2019, दिन सोमवार को
– कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि– इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु द्वितीय तिथि को हुई हो।
4- चौथा श्राद्ध – दिनांक 17 सितंबर 2019, दिन मंगलवार को
– कृष्ण पक्ष तृतीय तिथि- इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि को हुई हो।
5- पांचवा श्राद्ध – दिनांक 18 सितंबर 2019, दिन बुधवार को
– कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि – इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु चतुर्थी तिथि को हुई हो।
6- छठा श्राद्ध – दिनांक 19 सितंबर 2019, दिन गुरुवार को
– कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि– इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें जिनकी मृत्यु पंचमी तिथि को हुई हो।
– ( इसी तिथि को अविवाहित मृतक पित्रों के निमित्त श्राद्ध किया जाता है।)
7- सातवां श्राद्ध – दिनांक 20 सितंबर 2019, दिन शुक्रवार को
– कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि– इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि को हुई हो।
8- आठवां श्राद्ध – दिनांक 21 सितंबर 2019, दिन शनिवार को
– कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि – इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु सप्तमी तिथि को हुई हो।
9- नौवां श्राद्ध – दिनांक 22 सितंबर 2019, दिन रविवार को
– कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि – इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु अष्टमी तिथि को हुई हो।
10- दसवां श्राद्ध – दिनांक 23 सितंबर 2019, दिन सोमवार को
– कृष्ण पक्ष नवमी तिथि – इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु नवमी तिथि को हुई हो।
– ( इस तिथि को विशेष रूप से माताओं एवं परिवार की सभी स्त्रियों का श्राद्ध किया जा सकता है। इसलिए इसे मातृनवमी भी कहते हैं।)
11- ग्यारहवां श्राद्ध – दिनांक 24 सितंबर 2019, दिन मंगलवार को
– कृष्ण पक्ष दशमी तिथि– इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु दशमी तिथि को हुई हो।
12- बारहवां श्राद्ध – दिनांक 25 सितंबर 2019, दिन बुधवार को
– कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि – इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु एकादशी तिथि को हुई हो।
13- तेरहवां श्राद्ध – दिनांक 26 सितंबर 2019, दिन गुरुवार को
– कृष्ण पक्ष द्वादशी तिथि – इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि को हुई हो।
– ( इस तिथि को उन लोगों का श्राद्ध भी किया जाता है जिन्होंने मृत्यु से पूर्व सन्यास ले लिया हो।)
14- चौदहवां श्राद्ध- दिनांक 27 सितंबर 2019, दिन शुक्रवार को
– कृष्ण पक्ष त्रयोदशी एवं चतुर्दशी तिथि एक साथ है – इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु त्रयोदशी तिथि को हुई हो।
( घर के मृत बच्चों का श्राद्ध भी इसी दिन किया जाता है।)
15- पद्रहवां श्राद्ध – दिनांक 27 सितंबर 2019, दिन शुक्रवार को
– कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि – चतुर्दशी तिथि का श्राद्ध केवल उन मृतजनों के लिए करना चाहिए जिनकी मृत्यु किसी हथियार से हुई हो, उनका क़त्ल हुआ हो, जिन्होंने आत्महत्या की हो या जिनकी मृत्यु किसी हादसे में हुई हो।
– (इसके अलावा अगर किसी की मृत्यु चतुर्दशी तिथि को हुई है तो उनका श्राद्ध अमावस्या श्राद्ध तिथि को ही किया जाता है।)
16- सोलहवां श्राद्ध – दिनांक 28 सितंबर 2019, दिन शनिवार को
(सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या )
– भादो अमावस्या तिथि- इस दिन उन पित्रों का श्राद्ध करें, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि और चतुर्दशी तिथि को हुई हो।
– (इसके अलावा इस तिथि को वह लोग भी श्राद्ध करें, जिन्हें अपने मृत पित्रों की तिथि याद नहीं हो। क्योंकि इस अमावस्या तिथि को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं।)
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