रक्षाबंधन के दिन जहां बहनें अपने भाई की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना के लिए उन्हें रक्षा सूत्र यानि राखी बांधने के अलावा अपने भाई की आरती उतारते हुए माथे पर तिलक लगाती हैं। वहीं भाई भी इस दिन आपनी बहन को जीवन भर साथ देने व उसकी रक्षा करने का वचन देता है। इसके अलावा इस दिन भाई अपनी बहन को उपहार भी देता है।
हिंदू पंचांग में हर साल सावन पूर्णिमा पर आने वाला भाई बहनों के प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन इस साल 2021 में रविवार, अगस्त 22 को सावन पूर्णिमा तिथि में मनाया जाएगा। इस त्यौहार के दौरान जहां एक ओर बहनें भाइयों के हाथों पर रक्षा सूत्र बांधती हैं, वहीं भाई भी अपनी बहनों को हमेशा रक्षा और साथ देने का वचन देते हैं।
इस साल पूरे दिन भद्रा नहीं होने से शुभ समय में रक्षासूत्र बांधने और बंधवाने के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं। : सुबह 07.42 बजे से 09.17 बजे तक (चर)
: सुबह 09.18 बजे से 10.52 बजे तक (लाभ)
: सुबह 10.53 बजे से दोप. 12.27 बजे तक (अमृत)
: दोपहर 02.02 बजे से 03.37 बजे तक (शुभ)
: शाम 06.47 बजे से रात्रि 08.12 बजे तक (शुभ)
: रात 08.13 बजे से 09.37 बजे तक (अमृत)
श्रावण मास की पूर्णिमा पर श्रवण कुमार की पूजा का भी विधान माना गया है, ऐसे में इस रक्षाबंधन पर्व पर श्रवणकुमार का पूजन करने के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त- दोपहर 12.03 बजे से 12.27 बजे तक (अभिजीत+अमृत चौघड़िया)
रक्षाबंधन त्यौहार के दौरान शुभ समय पर बहनें एक साफ थाली को लेकर उस पर रोली, अक्षत, चंदन के साथ ही दही, राखी, मिठाई और दीपक घी का रख लें। इसके बाद पूजा की थाली को भगवान को समर्पित करने के बाद भाई को पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर पीठ कर यानि पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह कर बैठाएं।
भाई के सिर पर कोई साफ कपड़ा जैसे रुमाल आदि रखने के बाद भाई के माथे पर सबसे पहले तिलक लगाते हुए रोली, अक्षत व चंदन लगाएं। जिसके बाद राखी यानि रक्षासूत्र बांधकर आरती करें। फिर भाई को मिठाई खिलाने के बाद उसकी लंबी आयू की मंगल कामना करें। फिर अपने माता पिता का आशीर्वाद लें और भाई बहनों के पैर छूकर उन्हें उपहार भेंट करें।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इस दिन देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में वक्री चाल में रहेंगे, वहीं राखी यानि रक्षा बंधन पर कुछ कुछ कार्यों को करने के योग्य तो कुछ कार्यों को निषेध माना गया है। इसके तहत रक्षाबंधन के दिन व्यक्ति को स्वच्छता के नियमों का पालन करते हुए इसे हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए। साथ ही क्रोध, अहंकार, मनमुटाव और विवाद जैसी स्थितियों से से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी को भी को तकलीफ हो।
राखी के पर्व पर विवाहिता बहनों के मायके आने की परंपरा है हालांकि ग्रंथों में कुछ अलग ही बात लिखी गई है. शास्त्रानुसार इस दिन बहनों को भाई को अपने घर पर आमंत्रित करना चाहिए. हो सके तो अपने भाई को घर पर बुलाकर राखी बांधे. खास बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन के दिन सुबह 10.33 बजे तक शोभन योग रहेगा. चंद्रमा सुबह मकर राशि में रहेगा और इसके बाद दिनभर कुंभ राशि में रहेगा.