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Holi Bhai Dooj 2023: होली के बाद यदि आप भी मनाते हैं भाई दूज, तो यहां पढ़ें तिलक करने का शुभ मुहूर्त और सही तरीका

Holi Bhai Dooj 2023 Significance and shubh muhurat: अगर आप भी होली के बाद भाईदूज मनाते हैं, तो पत्रिका.कॉम के इस लेख को जरूर पढ़ लें। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा के मुताबिक भाई दूज का महत्व, तिलक करने का शुभ मुहूर्त और तरीका भी…

Mar 08, 2023 / 11:08 am

Sanjana Kumar

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Holi Bhai Dooj 2023 Significance and shubh muhurat: भाई दूज का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक बार होली के बाद और एक बार दीपावली के बाद। इस दिन बहनें भाई को तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। सुबह से वे इसके लिए व्रत रखती हैं और तिलक और पूजन वगैरह करने के बाद ही व्रत को खोलती हैं। भाई दूज का ये पर्व उनके बीच आपसी प्यार बढ़ाने वाला और उनके रिश्ते को मजबूत बनाने वाला पर्व माना गया है। तो अगर आप भी होली के बाद भाईदूज मनाते हैं, तो पत्रिका.कॉम के इस लेख को जरूर पढ़ लें। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा के मुताबिक भाई दूज का महत्व, तिलक करने का शुभ मुहूर्त और तरीका भी…

यह है भाई दूज पर तिलक का शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 8 मार्च 2023 को शाम 7 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 9 मार्च 2023 को रात 8 बजकर 54 मिनट पर खत्म होगी। इसीलिए उदया तिथि के हिसाब से भाई दूज का पर्व 9 मार्च गुरुवार को मनाया जाएगा। 9 मार्च को राहुकाल दोपहर 2 बजे से 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। राहुकाल के समय तिलक नहीं करना चाहिए।

 

होली की भाई दूज का महत्व
भाई दूज का पर्व भाई की लंबी उम्र और उसकी सलामती के लिए मनाया जाता है। यह दिन भाई और बहन के बीच संबंध को मजबूत बनाने वाला दिन माना गया है। इस दिन बहनें अपने भाई के जीवन को मुश्किलों और कष्टों से बचाने के लिए व्रत रखती हैं। गणपति और नारायण की पूजा करती हैं और उनसे भाई की लंबी आयु की, उसके सुंदर जीवन की कामना करती हैं। इसके बाद भाई का तिलक करने के बाद वो व्रत खोलती हैं। तिलक के बदले भाई भी अपनी बहन को शगुन के तौर पर कोई उपहार देता है। साथ ही बहन का हर परिस्थिति में साथ निभाने और उसकी रक्षा करने का वचन देता है।

 

तिलक करने की विधि
– होली की भाईदूज के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें और श्रीगणेश तथा श्रीविष्णु भगवान का विधिवत पूजन करें।
– भाई दूज की कथा पढ़ें और उनसे अपने भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करें।
– इसके बाद भाई को तिलक करने के लिए आरती का थाल सजाएं।
– इस थाल में रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई, सुपारी या सूखा गोला आदि रखें।
– इसके बाद चौक लगाकर उस पर पटा रखें या आसन बिछाएं।
– इस पर भाई को बैठाएं और फिर सबसे पहले तिलक लगाएं। अक्षत लगाएं। फिर हाथ में कलावा बांधें और आरती उतारें।
– फिर मिठाई खिलाएं। इसके बाद भाई को सुपारी या गोला दें।
– अब भाई अपनी बहन के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें। बहनें भाई की लंबी आयु और सुंदर जीवन की प्रार्थना करें।
– आशीर्वाद लेने के बाद बहन को सामथ्र्य के अनुसार कोई उपहार देकर उसका भी मुंह मीठा कराएं। इस दिन भाई को भोजन कराने के बाद ही घर से विदा करना चाहिए।

भाई को तिलक करने की सही दिशा जरूर जान लें
भाई को तिलक करते समय ध्यान रखें कि भाई का मुंह पूर्व दिशा में, उत्तर दिशा में या फिर उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए।

 

इस दिन भूलकर भी न करें ये काम
– बहन को भाई के तिलक करने के बाद ही भोजन ग्रहण करना चाहिए।
– भाई दूज के दिन आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए।
– भाई से उपहार में मिले तोहफे का बहनों को निरादर नहीं करना चाहिए।
– इस दिन झूठ बोलने से बचना चाहिए।
– ध्यान रखें कि पूजा में काले वस्त्र धारण न करें।

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