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गुप्त नवरात्रि में माँ की गुप्त रूप से पूजा क जाती है, पूजा के समय प्रतिदिन माता को शहद एवं इत्र चड़ाना कतई भी न भूले। नौ दिन के बाद जो भी शहद और इत्र बच जाएं उसे प्रतिदिन माता का स्मरण करते हुए खुद प्रयोग करने से सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है।
1- गु्प्त नवरात्र में माता दुर्गाजी को शहद को भोग लगाने से भक्तो को सुंदर रूप प्राप्त होता है व्यक्तित्व में तेज प्रकट होता है।
2- गुप्त नवरात्री में माँ दुर्गा की आराधना “लाल रंग के कम्बल” के आसन पर बैठकर करना अति उत्तम माना गया है। इससे सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
3- गुप्त नवरात्र में स्थाई लक्ष्मी प्राप्ति के लिए नित्य पान में गुलाब की 7 पंखुरियां रखकर तथा मां दुर्गा को अर्पित करें।
4- इस मंत्र का जप करने से सदैव मंगल ही मंगल होता है-
ऊँ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुते।।
इस विधि और शुभ मुहूर्त में करें माँ दुर्गा का पूजन, हो जायेगी सभी मनोकामना पूरी
5- गुप्त नवरात्र में पड़ने वाले सोमवार और शनिवार के दिन शिवलिंग पर काले तिल और गंगाजल चढ़ाएं ऐसा करने से अनेक बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है।
6- गुप्त नवरात्र में इस मंत्र का जप करने से मां दुर्गा शत्रुओं से रक्षा करती है-
ऊँ जयन्ती मङ्गलाकाली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
7- गुप्त नवरात्रि काल में प्रात:काल श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से सभी कार्य सफल होने लगते हैं एवं कार्यों के मार्ग में आने वाली समस्त विघ्न बाधाएं भी दूर हो जाती है।
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