1. बेसीलिका ऑफ बोम जीसस चर्च गोवाः यह चर्च भारत के प्रमुख गिरजाघरों में से एक है। यह करीब 400 साल पुराना है। यह ईसाई वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। यह चर्च पुजारी सेंट फ्रांसिस जेवियर का घर है, जो दुनिया भर के ईसाई पर्यटकों को आकर्षित करता है।
3. द अवर लेडी ऑफ इम्मेक्यूलेट कन्सेप्शनः यह चर्च पणजी में है। इसका निर्माण 1541 में एक छोटे से धर्मस्थल के रूप में किया गया था। बाद में 1600-1609 के बीच के बीच इसको खूबसूरत आकार दिया गया। इस गिरजाघर के मुख्य उपासना स्थल को मदर मेरी को समर्पित किया गया है। यहां सेंट पीटर और सेंट पॉल के स्टैच्यू हैं।
4. पत्थर गिरजाघरः: पत्थर गिरजाघर इलाहाबाद की डिजाइन 1870 में सर विलियम एमर्सन ने बनाई थी। इसे बनाने में 17 साल लगे, यह 1887 में बनकर तैयार हुआ। इसे आल सेंट्स कैथेड्रल चर्च प्रयागराज के नाम से भी जाना जाता है, यह चर्च खूबसूरती की मिसाल है। इसका परिसर भी काफी बड़ा है। इसमें प्रार्थना सभा के लिए 40 फिट चौड़ा और 130 फिट लंबा हाल है, जबकि चर्च की लंबाई 240 फिट और चौड़ाई 56 फिट है।
5. सेंट पॉल कैथेड्रल ,कोलकाताः इस चर्च का निर्माण ब्रिटिश सरकार ने कराया था। इसकी आधारशिला 1839 में रखी गई थी, जिसके निर्माण में तीन साल लग गए। यह 1842 में बनकर तैयार हुआ था। इसे एशिया का पहला एपिस्कोपल चर्च का भी दर्जा प्राप्त है। यहां क्रिसम पर विशेष पूजा की जाती है।
6. सेंट ल्यूक चर्च कश्मीरः यह चर्च कश्मीर में स्थित है। यह चर्च डलगेट इलाके में शंकराचार्य पहाड़ी की तलहटी में चेस्ट रोग अस्पताल के पास है। इस चर्च की आधारशिला डॉ. अर्नेस्ट और डॉ. आर्थर नेवे ने रखी थी। वहीं 12 सितंबर 1896 को द बिशप ऑफ लाहौर ने इसे जनता को समर्पित किया था।
7. सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल दिल्लीः यह चर्च राजधानी क्षेत्र का सबसे पुराना चर्च है। यह कनॉटप्लेस में भाई वीर सिंह मार्ग पर स्थित है। यह रोमन कैथोलिक चर्च 14 एकड़ एरिया में विस्तृत है। इसकी स्थापत्य कला इटली की है, जिसकी डिजाइन वास्तुकार हेनरी मेड ने बनाया था। चर्च के आन्तरिक हिस्से पॉलिश किए हुए हैं, वक्र छत और सुन्दर मेहराबों के कारण यह काफी आकर्षक है।
8. क्राइस्ट चर्च शिमलाः यह चर्च हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रिज मैदान में है। यह उत्तर भारत के पुराने चर्चों में से एक है। क्राइस्ट चर्च को कर्नल जेटी बोयलियो ने 1844 में डिजाइन किया था। इसका निर्माण करीब 13 साल बाद 1857 में गोथिक कला में शुरू कराया गया। चर्च पर लगा पोर्च 1873 में जोड़ा गया।
10. सेंट मैरीस बासीलिका बेंगालुरूः यह चर्च कर्नाटक की राजधानी बेंगालुरू में है। यह शहर के सबसे पुराने गिरजाघरों में से एक है, जो हर साल यहां आयोजित होने वाले सेंट मैरी फेस्ट के लिए मशहूर है। आठ सितंबर 1882 को इसका उद्घाटन किया गया।