ज्योतिष व धर्म के जानकारों के अनुसार जहां एक ओर इस दिन देवी मां लक्ष्मी व गणेश की मुख्य रूप से पूजा की जाती है, वहीं इस दिन कार्तिक की अमावस्या होने के कारण कई लोग सिद्धि प्राप्ति के लिए भी पूजा करते हैं। माना जाता है कि ये रात सिद्धि प्राप्त करने के लिए सबसे खास मानी जाती है।
ऐसे में इस दौरान पूजा के शुभ समय के साथ ही सिद्धि प्राप्ति के समय का भी खास ध्यान रखा जाता है। जहां तक इस बार दिवाली की पूजा के शुभ समय की बात है, तो इस बार जहां अमावस्या तिथि गुरुवार 04 नवंबर 2021 को प्रात: 06:03 बजे से प्रारंभ हो रही है, वहीं इसका समापन शुक्रवार,05 नवंबर 2021 को प्रात: 02:44 बजे होगा। ऐसे में दिवाली पूजन के लिए शुभ मुहूर्त-
दिवाली 2021 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 6:09 मिनट से रात्रि 8:20 मिनट।
समय अवधि- 1 घंटा और 55 मिनट
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दिवाली पूजा सामग्री:-
कड़ी की चौकी, चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला कपड़ा, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां/चित्र, कुमकुम, चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत, पान और सुपारी, साबुत नारियल अपनी भूसी के साथ, अगरबत्ती, दीपक के लिए घी, पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक, कपास की बत्ती, पंचामृत, गंगाजल, पुष्प, फल, कलश, जल, आम के पत्ते, कपूर, कलाव, साबुत गेहूं के दाने, दूर्वा घास, जनेऊ, धूप
शुभ समय:
प्रातः 6:40 से 8:00 बजे तक शुभ की चौघड़िया
प्रात: 7:33 से 9:51 तक वृश्चिक लग्न (स्थिर लग्न)
9:51 बजे से 11:55 बजे तक धनु लग्न
11: 55 से 13:37 बजे तक मकर लग्न(अभिजित मुहूर्त)
15:05 बजे से 16: 30 बजे तक मीन लग्न
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कार्तिक अमावस्या 2021 पर मंत्र जाप (सिद्धि प्राप्ति के लिए) की शुरुआत का समय
इसके अलावा सिद्धि प्राप्ति के मुहूर्त के संबंध में कुछ जानकारों का मानना है कि यूं तो कार्तिक अमावस्या की संपूर्ण रात्रि ही सिद्धियों को प्रदान करने वाली मानी गई है। लेकिन इसमें भी यदि हम मंत्र जाप की शुरुआत के समय की बात करें तो यह इस बार रात 11:16 PM से 12:07 AM शुरु करना सबसे शुभ दिख रहा है। जबकि इसका जाप 5 नवंबर को 04:25 AM तक जारी रखना होगा।
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इस संबंध में ज्योतिष व मंत्रों के जानकार एमके शर्मा के अनुसार यहां ये जान लेना अति आवश्यक है कि हर मंत्र को जागृत कर सिद्ध होने के लिए जाप की एक निश्चित संख्या होने के साथ ही आपका उस पर विश्वास सहित अनेक चीजों पर इसकी निर्भरता रहती है,इसके साथ ही ऐसे जाप के लिए गुरु का साथ होना या उनके द्वारा बताए गए पथ का उपयोग करना भी आवश्यक होता है। ऐसे में यदि आप उन सभी पैमानों पर खरे नहीं उतरते हैं तो ये सिद्धि आपको प्राप्त होगी ऐसे कहना भी मुमकिन नहीं है।