ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 09 जून 2021 : 01:57 PM
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि का समापन: 10 जून 2021 : 04:22 PM पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि देव के जन्म के चलते ज्येष्ठ अमावस्या का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। वैदिक Jyotishमें शनि देव सेवा और कर्म के कारक माने गए हैं, ऐसे में इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
वहीं इस बार भी Corona Pandemic के चलते शनि जयंती पर भक्त मंदिर कम ही जा सकेंगे, ऐसे में जानकारों के अनुसार घर पर भी शनि पूजन से शनि देव की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इसके तहत शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन यानि शनि जयंती के दिन शनि चालीसा का पाठ करें। वहीं Shani pujan की किताब में छपे शनि देव के चित्र की उपासना पश्चिम की ओर मुंह करके करें।
Shani जयंती पर बाल व नाखून ना काटें। माना जाता है कि ऐसा करने से आर्थिक तरक्की रुक जाती है। अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए।
इसलिए भले ही दूसरे दिनों में भी पीपल की पूजा करें, लेकिन पीपल के वृक्ष को स्पर्श ना करें। अन्य दिन पीपल के वृक्ष को स्पर्श करने के संबंध में माना जाता है कि ऐसा करने से धन की हानि होती है। Saturday के दिन पैसे के लेन-देन से बचें। किसी से कर्ज बिल्कुल ना लें। शनि अमावस्या के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए, संयम बरतें।
वर्तमान में कुंभ, धनु और मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। ऐसे में इन राशि वालों को राजा दशरतकृत शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि इस स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव की विशेष Blessings प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
भूल से भी न करें ये गलती:
कहा जाता है कि शनिदेव की पूजा के दौरान उपासक भूलकर शनि देव की नजरों से नजर न मिलाएं, अन्यथा उसके जीवन में अनिष्ट हो सकता है। इस दौरान शनिदेव का सारा पूजन सिर को नीचे झुकाकर ही करें।
दरअसल मान्यता के अनुसार शनिदेव को Shanidev wife के श्राप के कारण उनकी दृष्टि वक्र हो गई, ऐसे में पूजा करते समय उनसे आंख मिलाने पर उपासक के जीवन में अशुभता आ सकती है।
शनिदेव : ऐसे लोगों से रहते हैं नाराज
शनि देव शराब पीने, ब्याजखोरी करने, जुआ-सट्टा खेलने, परस्त्री गमन करने, अप्राकृतिक रूप से संभोग करने, झूठी गवाही देने वाले लोगों के अलावा निर्दोष लोगों को सताने, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करने वालों और माता-पिता,चाचा-चाची, सेवकों और गुरु का अपमान करने वालों, ईश्वर के खिलाफ होने वालों, दांतों को गंदा रखने वालों, भैंस या भैसों को मारने वाले, सांप, कुत्ते और कौवों को सताना वालों को भी पसंद नहीं करते हैं। इसके अलावा सफाईकर्मी और अपंगों का अपमान करना भी इन्हें नाराज करता है।
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शनिदेव की नाराजगी से बचने के उपाय :
माना जाता है कि न्याय के देवता आपकी गलतियों पर दंड के विधान के तहत कार्य करते हैं। ऐसे में कोई भी गलत कर्म करने वाले उनके दंड से नहीं बच सकता यानि वे दंड जरूर देते हैं। लेकिन कई बार अंजाने में भी कुछ लोग अज्ञानता के चलते कुछ गलत कर देते हैं, ऐसे में वे भी दंड के भागी बन जाते है।
लेकिन कुछ ऐसे उपाय भी है जो Shani Maharaj को शांत करने के साथ ही उन्हें प्रसन्न भी करते हैं, ऐसे में शनि देव का आशीर्वाद पाने के लिए और उनकी नाराजगी से बचने के लिए माना जाता है कि व्यक्ति को हर रोज हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए।
इसके अलावा भगवान भैरव को कच्चा दूध चढ़ाने, छाया दान करने, कौवे को हर रोज रोटी खिलाने, अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों की सेवा करने के साथ ही तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।