फतेहपुर. सपा में अखिलेश, मुलायम और शिवपाल की जंग के बीच रविवार को अचानक एक नाम प्रदेश की राजनीति में सिरमौर बनकर उभरा। सीएम अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष से हटा दिया। उन्होंने फतेहपुर के मूल निवासी नरेश उत्तम पटेल को नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। अचानक नरेश उत्तम पटेल का नाम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया। गूगल पर उनके नाम सर्च किये जने लगे।
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नरेश उत्तम पटेल के पैतृक गांव जहानाबाद के लहुरी सराय में भी वह चर्चा का विषय बने हुए हैं। गांव के लोग कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं और ऐसा ही नरेश उत्तम पटेल के साथ हुआ। सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले नरेश उत्तम छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं। उनका परिवार लहुरी सराय में आज भी खेती किसानी पर ही पूरी तरह से निर्भर है। अपने दो भाईयों में छोटे रहे नरेश उत्तम ने कानपुर के डीएवी लॉ कॉलेज से राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। 1989 में जनता दल से विधायक बने और मुलायम सिंह की सरकार में वन उपमंत्री रहे। उसके बाद 1991 का चुनाव हार गये तब से समाजवादी पार्टी में है। साथ ही सपा के प्रदेश महामंत्री के साथ कई मंडलों के प्रभारी भी रहे। वहीं नरेश उत्तम दूसरी बार अखिलेश यादव के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए एमएलसी रहे। एमएलसी के साथ-साथ वह सपा प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर भी रहे, लेकिन जब शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष बने तो नरेश उत्तम को संगठन से हटा दिया गया। वहीं प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही उनके गांव में खुशी का माहौल देखा गया। उनके परिवार के लोगों ने उनको मिली इस नई जिम्मेदारी पर खुशी जाहिर की है।
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एक नजर में नरेश उत्तम का परिचय
– नरेश उत्तम ने जिले के जहानबाद के लहुरी सराय गांव से प्रथमिक विद्यालय से अपनी शिक्षा शुरु की थी
– नरेश उत्तम के स्व, पिता रोशन लाल सीमान्त किसान था जिनके दो बेटो में नरेश उत्तम व् स्व. रमेश उत्तम में अब गांव में कोई नहीं रहते नरेश उत्तम इस समय कानपूर के नोबस्ता में अपने परिवार के रहते है
– नरेश उत्तम किसी भी खेमे में नहीं रहे पर मुख्य मंत्री अखिलेश यादव के से इनके संबंध ठीक होने और कोई भी इन पर दाग ने होने से आज मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने सपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया है