मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों ने रामजन्म भूमि निर्माण के लिए पहल कर डाली है एक नए रिश्ते की बुनियाद बीते कुछ महीनों में बेहद बदली हुई परिस्थितियों में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ,शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी समुदाय से जुड़े कई धर्मगुरुओं ने जिस स्थान पर रामलला विराजमान है वहां पर राम मंदिर निर्माण कराए जाने की वकालत कर बीते 6 दशक से अधिक से चल रहे इस मुकदमे को हल करने के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है . वही जैसे-जैसे श्री राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर दोनों पक्षों में सकारात्मक बातचीत हो रही है उसे देखते हुए राम मंदिर निर्माण के लिए प्रयासरत रहे विश्व हिंदू परिषद ने अपनी तैयारियों को और तेज कर दिया है और धड़ाधड़ ट्रकों पर लादकर पत्थर अयोध्या लाए जा रहे हैं .
24 नवम्बर को कर्नाटक में होने वाली संतों की धर्मसंसद लिए जायेंगे बड़े फैसले राम नगरी अयोध्या में बीते 3 दिनों से लगातार पत्थरों की खेप पहुंच रही है जिन्हें भारी भरकम क्रेनो से ट्रकों से उतार कर राम जन्मभूमि कार्यशाला में रखा जा रहा है .अब तक करीब 7000 घनफुट से अधिक पत्थर अयोध्या पहुंच चुके हैं .विश्व हिंदू परिषद से जुड़े जानकार बताते हैं कि नवंबर महीने से राम मंदिर निर्माण के लिए तराशे जा रहे पत्थरों की तराशी का काम और तेज हो जाएगा . आपको बता दें कि इस मसले को लेकर हिंदू पक्ष की ओर से संतों की एक धर्म संसद कर्नाटक में 24 नवंबर को प्रस्तावित है . जानकार बताते हैं कि इस बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर कुछ अहम फैसले और साल 2018 में मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने पर विचार किया जा सकता है इस बात की पुष्टि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक महीरध्वज उर्फ़ संत मुरारी दास ने भी की है .कुल मिलाकर आने वाले कुछ महीनो में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर कुछ नया होने जा रहा है जिसकी उम्मीद शायद किसी को नही होगी .