शाने अवध उमराव जान को दुनिया के तवायफ के रूप में जानती है। बहुत कम ही लोग उनके द्वारा आजादी की लड़ाई में दिए गए योगदान के बारे में जानते हैं। जिंदगी की तमा दुश्वारियां के बाद उमराव का की नगरी काशी में साल 1937 में हुआ। 26 दिसंबर को उनकी 86वीं पुण्यतिथि पर उनके मकबरे पर गुलपोशी कर लोगों ने फातिहा पढ़ा।
वाराणसी•Dec 26, 2023 / 03:30 pm•
SAIYED FAIZ
86वीं पुण्यतिथि पर याद की गईं उमराव जान, कब्र पर हुई गुलपोशी
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