सजा मिलने के बाद जब उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द हो गई और 2022 में यूपी असेंबली इलेक्शन लड़ने के लिए अयोग्य साबित हो गए थे तो भाजपा ने गोसाईगंज सीट से उनकी पत्नी आरती तिवारी को चुनावी रण में उतारा, लेकिन वे समाजवादी पार्टी के अभय सिंह से चुनाव हार गई थीं।
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5 साल की हुई थी सजापूर्व भाजपा विधायक खब्बू पर फर्जी अंकपत्र के जरिए प्रवेश लेने का आरोप लगा था। यह मामला साल 1992 का है। इस केस में 29 साल बाद फैसला आया था। 18 अक्टूबर को उनको 5 साल की सजा हुई थी। इसके बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी। इसी केस में तीन आरोपियों को सजा सुनाई गई थी। खब्बू तिवारी ने भाजपा के टिकट पर 2017 में विधानसभा का इलेक्शन लड़ा था, जिसमें उन्होंने विजय प्राप्त की थी। इससे पूर्व वे सपा और बसपा के टिकट पर भी चुनाव लड़ चुके हैं।