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एटा

पंचायत चुनाव में हार से बौखलाए बीजेपी के चार विधायक, अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे, लगाए गंभीर आरोप

BJP MLA Protest: धरने पर बैठने वालों में बीजेपी MLC धर्मवीर प्रजापति शामिल हैं। वह एटा जिला पंचायत चुनाव के प्रभारी भी थे। इसके अलावा मारहरा सीट से बीजेपी विधायक वीरेंद्र लोधी, अलीगंज से विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, जलेसर के विधायक संजीव दिवाकर भी धरने में शामिल हैं।

एटाMay 06, 2021 / 08:31 am

नितिन श्रीवास्तव

पंचायत चुनाव में हार से बौखलाए बीजेपी के चार विधायक, अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे, लगाए गंभीर आरोप

पंचायत चुनाव में हार से बौखलाए बीजेपी के चार विधायक, अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे, लगाए गंभीर आरोप

एटा. BJP MLA Protest: यूपी पंचायत चुनाव का नतीजा आने के बाद कई जिलों से हंगामे की खबरें सामने आ रही हैं। यूपी के जनपद एटा में तो भारतीय जनता पार्टी के चार विधायक पंचायत चुनाव में हार से इस कदर बौखलाए कि अपनी ही सरकर के खिलाफ धरने पर बैठ गए। ये सभी विधायक एटा जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरने पर बैठे और जिला प्रशासन पर पार्टी के कैंडिडेट्स को धांधली कर हरवाने का आरोप लगाया। उनके साथ तमाम समर्थक भी मौके पर मौजूद हैं। इन बीजेपी विधायकों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने पार्टी के जिला पंचायत सदस्य कैंडिडेट्स को हरवाने और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने का काम किया है। भाजपा विधायकोंकी मांग है कि जिले की सभी 30 सीटों पर किसी दूसरे निर्वाचन अधिकारी की देखरेख में फिर से मतगणना कराई जाए। हालांकि सभी बीजेपी विधायकों को मनाने के लिए मौके पर एटा की डीएम डॉक्टर विभा चहल और SSP उदय शंकर सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पहुंचे। इन अधिकारियों ने बीजेपी विधायकों को मनाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बन सकी। जिसके चलते देर रात तक मौके पर हंगामेदार स्थिति बनी रही।

 

धरने पर बैठे बीजेपी के ये विधायक

धरने पर बैठने वालों में बीजेपी MLC धर्मवीर प्रजापति शामिल हैं। वह एटा जिला पंचायत चुनाव के प्रभारी भी थे। इसके अलावा मारहरा सीट से बीजेपी विधायक वीरेंद्र लोधी, अलीगंज से विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, जलेसर के विधायक संजीव दिवाकर भी धरने में शामिल हैं। एमएलसी धर्मवीर प्रजापति का आरोप है कि काउंटिंग शुरू होने के कुछ देर बाद से हमारे कार्यकर्ताओं के फोन आने लगे कि एजेंटों को मतगणना स्थल से बाहर कर दिया गया है। एक घंटे बाद पता चला कि जो हमारा उम्मीदवार 900 और 1000 वोटों से आगे चल रहा है, वह दो हजार से पीछे हो गया। जिला प्रशासन से इसकी शिकायत करने के बाद भी किसी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। बल्कि जिला प्रशासन अपने ही कर्मचारियों को सही साबित करने में जुटी रही। हमारे 10 नंबर वार्ड से जीते कैंडिडेट को सर्टिफिकेट देने के बजाय किसी और को दे दिया गया। वहीं 10 नंबर वार्ड में सात बूथों का तो पता ही नहीं है। कटिंग कर नंबर भी बढ़ाए गए हैं।

 

दोबारा काउंटिंग होने पर जीत का दावा

बीजेपी विधायकों का कहना है कि हम 27 वार्डों की काउंटिंग फिर से करवाना चाहते हैं। इन पर हमें भरोसा नहीं है। लेकिन सभी मतगणना कर्मचारियों ने हमारी शिकायतों को नजरअंदाज किया है। बीजेपी विधायकों का आरोप है कि जिला प्रशासन का समाजवादी पार्टी से गेम फिक्स था। विधायकों के मुताबिक इस जिले के अलावा किसी और जिले के अधिकारियों से मतगणना कराई जाए। तो हम 25 वार्ड जीतेंगे। इन विधायकों ने मौके पर पहुंची एटा की डीएम डॉ. विभा चहल से साफ कहा कि सभी प्रमाण पत्रों को निरस्त किया जाए और सभी वार्डों की मतगणना दोबारा कराई जाए। साथ ही गड़बड़ करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

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