बॉलीवुड की नब्ज़ और ऑडियंस के टेस्ट का समझने वाले निर्देशक आदित्य चोपड़ा इस बार रोमांटिक ड्रामा लेकर आए हैं। उन्होंने इसमें रोमांस का गजब तड़का लगाया है और रणवीर और वानी की रियल लाइफ से जुड़े कुछ पहलुओं को भी फिल्म में दिखाने की पूरी कोशिश की है। आदित्य ने रणवीर और वानी की जोड़ी को लेकर एक हैप्पी फिल्म बनाने की पूरी कोशिश की है।
कहानी : कहानी पेरिस से शुरू होती है। वहां एक फ्रेंच लड़की शायरा (वानी कपूर) अपने बॉयफ्रेंड धरम (रणवीर सिंह) को छोड़ कर उससे दूर चली जाती है। फिर दिल्ली से आये धरम अपने ब्रेकअप को लेकर देल्ही बेल्ली बार नाम के स्टेज पर अपना और लोगों जा मन बहलाने के लिए कॉमेडी करता है और शायरा अपने घर मम्मी-पापा के पास चली जाती है। अब कहानी एक साल पहले जाती है, जहां पता चलता है कि धरम अपने हुनर को दिखाने के लिए अपने दोस्त के साथ पेरिस आता है।
फिर अपने कॉमेडी शो के एक दिन पहले वह मौज-मस्ती के लिए पेरिस घूमने निकल पड़ता है, जहां एक पार्टी में वह शायरा से मिलता है और वहीं दोनों का प्यार परवान चढ़ता है। अब कहानी प्रेजेंट में आती है, जहां धरम किसी दूसरी गर्लफ्रेंड के साथ शायरा के डैडी के रेस्टोरेंट आता है।
फिर कहानी एक साल पहले जाती है, जहां धरम शायरा के साथ उसके घर में जाता है और शायरा के घर वालों से बोलता है कि वे दोनों पेरिस मरीन ही लिव-इन-रिलेशन में रहने जा रहा है। फिर से दोनों में छोटी-मोटी बातों को लेकर लड़ाई हो जाती है। कहानी फिर प्रेजेंट में जाती है, जहां शायरा धरम को पेरिस पुलिस से रात में ड्रिंक एंड ड्राइव मरीन उसे बचाने आती है और दोनों फिर एक-दूसरे के नजदीक आ जाते हैं।इसी के साथ फिल्म में ट्विस्ट आता है और कहानी बढ़ती है।
अभिनय : रणवीर सिंह ने अपनी पुरानी फिल्मों की तरह इसमें भी पूरी एनर्जी के साथ काम करने का भरसक प्रयास किया है। उन्होंने फिल्म के किरदार को बखूबी जीने की कोशिश की है, जिसमें वे कई मायनों में सफल होते से नजर आए। इनके अलावा वानी कपूर ने अपनी दूसरी ही फिल्म से साबित कर दिखाया है कि रोल में दम है तो अभिनय को जीवंत करने के लिए कोई ज्यादा जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती। वानी ने फिल्म भर में रणवीर सिंह का पूरा साथ दिया है और दोनों की ऑन स्क्रीन केमेस्ट्री भी लोगों को काफी हद तक भायी है। साथ ही फिल्म से जुड़े हर किरदार ने खुद की मौजूदगी दर्ज कराने में हर संभव प्रयास किया है।
निर्देशन : आदित्य चोपड़ा ने हमेशा की तरह ही इस बार भी अपने निर्देशन में कुछ अलग कर दिखाने की पूरी कोशिश की है। आदित्य ने एक हैप्पी फिल्म के बारे में जैसा सोचा था, ठीक वैसा ही उन्होंने अपने निर्देशन में कर दिखाया है। आदित्य ने इस बार नया हथकंडा अपनाने का भरसक प्रयास किया और उन्होंने रोमांटिक ड्रामे को आकर्षित बनाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी। हालांकि रोमांस का धमाकेदार जबरदस्त तड़का तो उन्होंने जरूर लगाया, लेकिन कहीं-कहीं वे थोड़ा असफल से रहे। उन्होंने निर्देशन में वाकई में कुछ अलग करने की कोशिश की है, जिसकी वजह से वे ऑडियंस की प्रसंशा लूटने में कहीं-कहीं पर थोड़ा सफल रहे। खैर, फिल्म के फर्स्ट हाफ में तो दर्शक खुद को कुर्सी से बांधे दिखाई दिए, पर इंटरवल के बाद ऑडिएंस का मूड हैप्पी नजर नहीं आया।
बहरहाल, ‘ तुम करोलबाग से तो निकल गए, लेकिन करोलबाग तुमसे कभी नहीं निकलेगा…’ और ‘ तेरा भाई किसी से कम है, तेरा भाई नंबर वन है’ जैसे डायलॉग्स तारीफ लायक रहे, लेकिन अगर टेक्नोलॉजी और कॉमर्शिल लहजे की बात छोड़ दी जाए तो इस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी में कुछ और खास करने की जरूरत की नजर आई। इसके अलावा जरूरत के मुताबिक फिल्म में संगीत (विशाल-शेखर) ने ऑडियंस को आकर्षित करने के लिए अपनी गजब भूमिका निभाई।
क्यों देखें : रणवीर और वानी की जोड़ी को रोमांस करते व एक हैप्पी फिल्म को देखने की चाहत रखने वाले फिल्म देखने आराम से जा सकते हैं। साथ ही इसमें आदित्य चोपड़ा स्टाइल में कुछ अलग देखने भी जा सकते हैं, आगे इच्छा आपकी…!