ट्राइटन इलेक्ट्रिक व्हीकल ने घोषणा की कि वह इस महीने के अंत तक अपने हाइड्रोजन इलेक्ट्रिक स्कूटर और तिपहिया वाहनों के लिए बुकिंग लेना शुरू कर देगी। हालांकि इलेक्ट्रिक वाहनों और उनके चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, उनकी सुरक्षा और कीमत इत्यादि के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। केंद्र सरकार भी पारंपरिक फ़्यूल (पेट्रोल-डीज़ल) के बजाय दूसरे ईंधन विकल्पों के इस्तेमाल पर जोर दे रही है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में वो ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली देश की पहले कार Toyota Mirai से संसद पहुंचे थें।
प्योर इलेक्ट्रिक से किस तरह अलग हैं हाइड्रोजन वाहन:
प्योर इलेक्ट्रिक वाहनों में जिस तरह वाहन को चार्ज करने के लिए चार्जर से प्लग किया जाता है। वहीं हाइड्रोजन से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन हाइड्रोजन को स्टोर करने के लिए क्रायोजेनिक टैंक का उपयोग करते हैं जिसका उपयोग हाइड्रोजन ईंधन सेल्स को बिजली देने के लिए किया जाता है और आमतौर पर इसे भरने में केवल 4-5 मिनट लगते हैं। इससे कीमती समय की बचत होती है और यह हाइड्रोजन से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे बड़ी यूएसपी में से एक है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्राइटन के हाइड्रोजन से चलने वाले इलेक्ट्रिक स्कूटर को महज 4 मिनट में रीफिल किया जा सकता है और ये स्कूटर 175 किलोमीटर का रेंज देती है। ट्राइटन इलेक्ट्रिक व्हीकल के संस्थापक और एमडी हिमांशु पटेल ने कहा, “आज हम जो स्कूटर डिजाइन पेश कर रहे हैं, वे कठोर अनुसंधान और विकास कार्य के बाद और भारतीय यातायात परिस्थितियों के अनुसार बनाए गए हैं। बेहतर डिज़ाइन के साथ ही हमारा स्कूटर यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। ये डिज़ाइन बच्चों के लिए भी सुरक्षित हैं।”