सुप्रिया ने कहा कि कहीं न कहीं सरकार की यह मंशा युवाओं को नौकरी देने की है ही नहीं। सरकार भर्तियों में पद ख़त्म करते जा रही है, परिणामस्वरूप आज युवा रेलवे ट्रैक पर बैठा है। उन्होंने कहा, फ़रवरी 2019 में आए इस नोटिफिकेशन आधार पर सवा करोड़ युवाओं ने फॉर्म भरा, लेकिन फ़रवरी 2021 में तत्कालीन रेल मंत्री पियूष गोयल कहते हैं कि अभी एजेंसी नियुक्त की जा रही है और अब पता चलता है कि अब परीक्षा के नियम बदलने की बात चल रही है। परीक्षाओं को लटकाने का परिणाम युवा पीढ़ी भुगत रही है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश का नहीं पूरे देश का मामला है कि भाजपा ने सिर्फ रोजगार को ख़त्म करने का काम किया है। नोटिफिकेशन आते हैं, परीक्षा होती है और धांधली के चक्कर में परीक्षा रद्द कर दी जाती है और न्यायालय में मामला लटक जाता है। एक ज़माने में रेलवे इस देश का सबसे बड़ा एम्प्लॉयर होता था, आज परीक्षा कराने में असमर्थ है।
भाजपा सरकार नौजवानों के साथ खिलवाड़ कर रही है। ये सिर्फ बिहार या उत्तर प्रदेश का मामला नहीं है, आप देश के किसी भी कोने में चले जाइए, आज युवाओं के पास नौकरी नहीं है, क्योंकि 2 करोड़ रोजगार हर साल देने वालों, जिन्होंने वायदा किया था कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देंगे और अभी तक 14 करोड़ से ज्यादा रोजगार दे चुके होते, उन्होंने सिर्फ रोजगार को नष्ट करने का, एक इंस्टीट्यूशनल वे में रोजगार को खत्म करने का काम किया है। रोजगार उनकी विफलता से खत्म हुआ है।