गढ़ में आजम खां को घेरा रामपुर विधानसभा सीट पर आज वोटिंग चल रही है। रामपुर सपा कद्दावर नेता आजम खां का गढ़ माना जाता है। पर आजकल उनके सितारे कुछ गर्दिश में चल रहे हैं। आजम खां इस बार फिर चुनावी मैदान में हैं। उनके खिलाफ उनके धुर विरोधी कांग्रेस से नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां लड़ रहे हैं, तो भाजपा ने आकाश सक्सेना को आजम खां के खिलाफ उतारा है। बसपा ने इस सीट से सदाकत हुसैन को प्रत्याशी बनाया है, तो आम आदमी पार्टी ने फैसल खां लाला पर दांव लगाया है।
23 माह से जेल में हैं आजम खां रामपुर के चुनावी इतिहास की बात करें तो सिर्फ चुनाव 1996 में आजम खां को हार का सामना करना पड़ा था। लोकसभा चुनाव 2019 में आजम सांसद बन गए और उनकी जगह उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा रामपुर शहर विधानसभा सीट चुनाव जीत गईं। अभी तो आजम खां पिछले 23 माह से जेल में हैं।
हर राजनीतिक दल के निशाने पर सिर्फ आजम खां भाजपा की हर हाल में कोशिश है कि, आजम विरोधी वोटों एक साथ मिलें। जबकि कांग्रेस के नवेद मियां की कोशिश है कि आजम के सियासी वर्चस्व को तोड़ा जाए। वैसे तो हर राजनीतिक दल के निशाने पर सिर्फ आजम खां ही है।
चुनाव 2017 का परिणाम आजम खां – सपा 1,02,100
शिव बहादुर सक्सेना – भाजपा 55,258
डॉ. तनवीर अहमद खान – बसपा 54,248
स्वार टांडा विधानसभा सीट – स्वार टांडा विधानसभा सीट पर आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम चुनाव लड़ रहे हैं। अब्दुल्ला आजम को चुनौती दे रहे हैं नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां के बेटे हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां। हमजा मियां को पहले कांग्रेस से टिकट मिला था पर बाद में हमजा मियां ने अपनी पुरानी पार्टी को छोड़ भाजपा गठबंधन की एक पार्टी अपना दल से टिकट लिया है। बसपा ने शकंरपाल जबकि कांग्रेस ने राम रक्षपाल सिंह को मैदान में उतारा है।
मुस्लिम और दलित वोटर्स को बड़ा फैक्टर रामपुर नवाब स्वार टांडा सीट को जीतने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के शिव बहादुर सक्सेना 1989, 91, 93 और 1996 में लगातार चुनाव जीते। हमजा के दांव की वजह से लड़ाई काफी रोचक है। स्वार टांडा विधानसभा सीट पर मुस्लिम और दलित वोटर्स को बड़ा फैक्टर है। इस विधानसभा सीट में 55 फीसद मुस्लिम और 45 फीसद हिंदू मतदाता हैं। ये सभी पार्टियां उन्हें गोलबंद कर रही हैं।
स्वार विधानसभा सीट चुनाव 2017 अब्दुल्लाह आजम खान सपा
लक्ष्मी सैनी भाजपा
नावेद मियां कांग्रेस ।