राजस्थान विधानसभा चुनाव का रोचक किस्सा, मेवाड़-वागड़ में 6 सीटों पर 7 प्रत्याशी ऐसे जिनकी दो-दो पत्नियां
प्रचार का शोर तेज, गांवों में भी धूम
वैसे इस सीट पर कुल आठ प्रत्याशी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही नजर आ रहा है। सचिन पायलट 7 नवम्बर से गांवों व शहर के वार्डों का तूफानी दौरा कर रहे हैं। उनके चुनाव की कमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरिप्रसाद बैरवा व उनकी निजी टीम ने संभाल रखी है। भाजपा प्रत्याशी अजीत सिंह मेहता भी शहर व गांवों में लोगों के बीच जा कर चुनाव जीतने के प्रयास में लगे हैं। उनकी ओर से चुनावी कमान महेन्द्र सिंह व अन्य लोगों ने संभाल रखी है। इस विधानसभा क्षेत्र की खास बात यह है कि यहां से जिस पार्टी का प्रत्याशी जीतता है, उसी दल की प्रदेश में सरकार बनती है। वर्ष 1985 से यहां यही ट्रेंड चला आ रहा है। लोगों में चर्चा है कि क्या इस बार यह परंपरा टूटेगी अथवा कायम रहेगी।
राजस्थान चुनाव 2023: जयपुर के चक्कर में सियासी पिच पर तमाम प्रत्याशी घनचक्कर!
चुनाव में मतदाताओं का मन टटोलने के लिए शहर के हृदय स्थल घंटाघर पर पहुंचे। वहां पर चाय की स्टाल पर कन्हैया लाल सैनी ने बताया कि लोग रोजगार के अभाव में पलायन को मजबूर हैं। यहां पर मोहम्मद खां भी मिले। उन्होंने बताया कि रेल के मुद्दे पर हर बार वादे किए जाते हैं। चुनाव आते ही यह वादा जख्म हरा करने जैसा होता है। शहर में ड्रेनेज सिस्टम खराब है। प्राचीन तालाब कचरे व गंदे नालों में तब्दील हो रहे हैं। गांवों में चुनावी गणित समझने के लिए तारण, चंदलाई, बंमोर गांव में पहुंचे। यहां तारण में राजेश मीणा ने बताया कि बीसलपुर से दूसरे जिलों को पानी मिल रहा है, टोंकवासी तरस रहे हैं।
मुख्य प्रतिद्वंद्वी के प्रमुख मुद्दे:-
सचिन पायलट | अजीत सिंह मेहता |
-किसानों की समस्याओं का समाधान करना और उनकी मदद करना। | -राज्य में फैला हुआ है भ्रष्टाचार। भ्रष्टाचार दूर करने पर रहेगा ध्यान। |
-जिन 7 योजनाओं की घोषणा की गई है, उनकी गारंटी देंगे। | -कानून-व्यवस्था गड़बड़ाई हुई है। सुशासन की स्थापना पर रहेगा ध्यान। |
-युवाओं की करेंगे मदद। देंगे रोजगार। | -मूलभूत सुविधाओं का ढांचा मजबूत करना, ताकि जनता न हों परेशान। |