1998 में मुख्यमंत्री बने थे जोरमथांगा
बता दें कि 1987 में मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। उस समय जोरमथांगा पहली बार 1987 में चम्फाई सीट से चुनाव लड़े और विधायक बने। 1998 विधानसभा चुनाव में जोरमथांगा ने मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से गठबंधन किया और 40 में 33 सीट पर जीत हासिल की। इसके बाद जोरमथांगा पहली बार मुख्यमंत्री बने। 2003 में उन्होंने बिना गठबंधन के चुनाव जीता। 2008 में उनकी पार्टी को 3 सीटें मिली। उस चुनाव में उन्होंने चंफई सीट भी गंवा दी।
सरकार बना सकती है ZPM
मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) आगे बढ़ते दिख दिख रही है। दोपहर 12ः30 बजे तक आए परिणाम में ZPM 14 सीट जीत चुकी थी, जबकि MNF ने 3 और भाजपा ने 2 सीट जीती थी। ZPM कुल 27 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि MNF 10 सीटों पर और कांग्रेस 1 सीट पर आगे है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस को भी काफी नुकसान हुआ, जबकि भाजपा को फायदा हुआ।
EX IPS अफसर बनेंगे नए मुख्यमंत्री
जोरम पीपुल्स मूवमेंट के नेता लालदुहोमा ने कहा- वह पार्टी की बढ़त देखकर खुश हैं। अगले दो दिनों के बीच मैं राज्यपाल से मिलूंगा। शपथ ग्रहण इसी महीने होगा। लालदुहोमा एक पूर्व IPS अधिकारी हैं। वे पूर्व PM इंदिरा गांधी की सिक्योरिटी संभाल चुके हैं। उनकी पार्टी ने दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा। 2018 में ZPM को 8 सीटें मिली थीं।