इस टीम को नाम दिया गया है आईपैक। जीं हां, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की इस टीम में खास तौर पर आईआईटी-आईआईएम और ऑक्सफोर्ड तथा कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल हैं। इसमें ज्यादातर छात्रों की उम्र महज 25 साल के आसपास है, मगर इनके काम और इनके दिमाग के आगे बड़े-बड़े धुरंधर नेताओं की रणनीति और अनुभव अक्सर फेल हो जाते हैं।
तृणमूल कांग्रस से जुड़े नेताओं का दावा है कि आईपैक की टीम ने वर्ष 2019 के जून महीने से ही राज्य में मोर्चा संभाल लिया था। इसमें शामिल छात्र और रणनीतिकार ही तृणमूल के खाके को तैयार कर रहे हैं और उसी आधार पर काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस टीम के आकलन के बाद ही किसे कहां से टिकट देना है और किसे नहीं देना है, प्रचार के लिए कौन, कहां और कब जाएगा, ये रणनीति भी इस टीम की ओर से ही बनाई जा रही है। टीम ने यह भी देखा कि किस उम्मीद्वार या नेता से वहां के मतदाता खुश नहीं हैं, तो उनका टिकट तुरंत काट दिया गया।
इस टीम में हर वर्ग, व्यवसाय और राज्य से जुड़े लोग शामिल हैं। इसमें तकनीक, मीडिया, राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर कानून के जानकारों तक को रखा गया है। यह टीम किसी प्रोफेशल की तरह काम करती है और काम करने का तरीका भी किसी बड़ी प्रोफेशनल कंपनी की तरह ही है।
राज्य मेंं 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव आठ चरणों में होने हैं। इसमें प्रत्येक सीट पर आईपैक के चार से पांच सदस्य अपनी नजर बनाए रखे हुए हैं। वहां की हर छोटी-बड़ी हरकतों का आकलन और विश्लेषण किया जाता है, जिससे उसमें तुरंत सुधार कर जरूरी प्रतिक्रिया दी जा सके।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। राज्य में आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।