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West Bengal Assembly Elections 2021: ममता एक बार फिर बनें सीएम, इस ख्वाहिश में IIT-IIM के छात्र दिन-रात कर रहे मेहनत

पश्चिम बंगाल में तीसरी बार भी ममता बनर्जी की सरकार बने, इसके लिए आईपैक की एक टीम काम कर रही है। इस टीम में आईआईटी और आईआईएम ही नहीं, ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज के छात्र भी शामिल हैं। यह टीम इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के लिए खास रणनीति बना रही है।
 

Mar 19, 2021 / 11:26 am

Ashutosh Pathak

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नई दिल्ली।

बंगाल में ममता बनर्जी दो बार मुख्यमंत्री बन चुकी हैं, मगर इस बार के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections 2021) में शानदार जीत दर्ज कर तीसरी बार भी उनकी सरकार सत्ता में आए, इसके लिए वह खूब मेहनत कर रही हैं। पिछले दिनों एक हादसे में वह घायल भी हो गईं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बावजूद इसके, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वह व्हील चेयर पर बैठकर लगातार रोड शो और चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर रही हैं।
यह तो बात हुई ममता बनर्जी की, जो मैदानों में दौड़ रही है, जनता के बीच जा रही हैं। इसके अलावा भी एक और टीम है, जो अंदरखाने बैठकर सिर्फ बंगाल ही नहीं, देश और दुनिया में भी इस राज्य को लेकर चल रही तमाम कवायदों पर पल-पल की हरकतों पर नजर रखे हुए है। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं से लेकर विपक्षी दलों के नेताओं और उनकी रणनीतियों को खास नजर से पढऩे की कोशिश कर रही है और उसी आधार पर आगे की रणनीति बना रही है।
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टीम में करीब 25 साल के छात्रों की संख्या अधिक
इस टीम को नाम दिया गया है आईपैक। जीं हां, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की इस टीम में खास तौर पर आईआईटी-आईआईएम और ऑक्सफोर्ड तथा कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल हैं। इसमें ज्यादातर छात्रों की उम्र महज 25 साल के आसपास है, मगर इनके काम और इनके दिमाग के आगे बड़े-बड़े धुरंधर नेताओं की रणनीति और अनुभव अक्सर फेल हो जाते हैं।
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करीब डेढ़ साल पहले राज्य में संभाल लिया था मोर्चा
तृणमूल कांग्रस से जुड़े नेताओं का दावा है कि आईपैक की टीम ने वर्ष 2019 के जून महीने से ही राज्य में मोर्चा संभाल लिया था। इसमें शामिल छात्र और रणनीतिकार ही तृणमूल के खाके को तैयार कर रहे हैं और उसी आधार पर काम को आगे बढ़ाया जा रहा है। इस टीम के आकलन के बाद ही किसे कहां से टिकट देना है और किसे नहीं देना है, प्रचार के लिए कौन, कहां और कब जाएगा, ये रणनीति भी इस टीम की ओर से ही बनाई जा रही है। टीम ने यह भी देखा कि किस उम्मीद्वार या नेता से वहां के मतदाता खुश नहीं हैं, तो उनका टिकट तुरंत काट दिया गया।
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टीम में हर वर्ग और राज्य के लोग शामिल
इस टीम में हर वर्ग, व्यवसाय और राज्य से जुड़े लोग शामिल हैं। इसमें तकनीक, मीडिया, राजनीतिक विश्लेषकों से लेकर कानून के जानकारों तक को रखा गया है। यह टीम किसी प्रोफेशल की तरह काम करती है और काम करने का तरीका भी किसी बड़ी प्रोफेशनल कंपनी की तरह ही है।
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प्रत्येक सीट पर चार से पांच सदस्य रखते हैं निगाह
राज्य मेंं 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव आठ चरणों में होने हैं। इसमें प्रत्येक सीट पर आईपैक के चार से पांच सदस्य अपनी नजर बनाए रखे हुए हैं। वहां की हर छोटी-बड़ी हरकतों का आकलन और विश्लेषण किया जाता है, जिससे उसमें तुरंत सुधार कर जरूरी प्रतिक्रिया दी जा सके।
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राज्य में आठ चरणों में होंगे चुनाव
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। राज्य में आठ चरणों में वोटिंग होगी। पहले चरण की वोटिंग 27 मार्च को होगी, जबकि दूसरे चरण के लिए 1 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसके अलावा, तीसरे चरण के लिए 6 अप्रैल को, चौथे चरण के लिए 10 अप्रैल को, पांचवे चरण के लिए 17 अप्रैल को, छठें चरण के लिए 22 अप्रैल को, सातवें चरण के लिए 26 अप्रैल को और आठवें चरण के लिए 29 अप्रैल को वोटिंग होगी। नतीजे 2 मई को घोषित होंगे।

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