बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी के विधानसभा चुनाव 2022 में ऐसी महिलाओं को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है, जिन महिलाओं ने अपने परिवारों पर अत्याचार होते हुए देखा और उसका दुख झेला है। उन्हीं में से एक हैं अकबरी बेगम, जो बिजनौर के नहटौर इलाके में रहती हैं। दरअसल, अकबरी बेगम का तीसरे नंबर का सबसे छोटा बेटा 21 वर्षीय सुलेमान दिल्ली में रहकर आईएएस की कोचिंग कर रहा था। सुलेमान 15 दिसंबर 2019 को दिल्ली से नहटौर अपने घर आया हुआ था।
20 दिसंबर 2019 को बिजनौर के नहटौर में यानी जुमे के दिन सुलेमान जुमे की नमाज पढ़ने गया था। उसी दिन सैकड़ों मुस्लिमों ने जुमे की नमाज के बाद एनआरसी और सीएए के विरोध में जुलूस निकालकर जमकर हंगामा शुरू कर दिया था। मुस्लिमों ने जुलूस के दौरान पुलिस पर पथराव आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी थी। सुलेमान के भाई शुऐब के मुताबिक, सुलेमान व अनस जुमे की नमाज पढ़कर सीधे अपने घर की ओर आ रहे थे कि पुलिस ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी थीं, जिसमे दोनों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
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UP Assembly Election 2022 : “मैं और जयंत किसान के बेटे,चुनाव भाजपा के लिए राजनैतिक पलायन सिद्ध होगा” घटना के बाद परिवार से मिली थीं प्रियंका गांधी घटना के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा 24 दिसंबर 2019 को मृतक के परिवार वालों से भी मिली थीं और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था। अब प्रियंका गांधी ने सुलेमान की मां अकबरी बेगम को बिजनौर सदर सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया है। जिसके बाद अकबरी बेगम अपना पर्चा दाखिल करने के बाद डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार में जुट गई हैं।