गांव के सरकारी स्कूल से की पढ़ाई
सुरभि मूल रूप से मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं। उनके पिता पेशे से वकील हैं और उनकी माता शिक्षिका हैं। सुरभि की पढ़ाई गांव से ही हुई थी। जिस सरकारी स्कूल में वे पढ़ने जाती थीं, वहां बुनियादी सुविधाओं की काफी कमी थी। लेकिन इन सब बातों के कारण सुरभि ने अपने सपनों को मरने नहीं दिया। इसके उल्ट उन्होंने कुछ बड़ा करने का सपना देखा। शहर जाकर पढ़ने वाली गांव की पहली लड़की (Success Story)
आईएएस सुरभि (IAS Surabhi Gautam) शुरुआत से ही पढ़ने में तेज थीं और मेहनती थीं। वे 10वीं और 12वीं में स्थानीय बोर्ड से स्टेट टॉपर (Success Story) रही थीं। 12वीं के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा दी और उसमें पास हो गईं। सुरभि अपने वक्त की गांव की पहली लड़की थी जो उच्च शिक्षा के लिए शहर गई। सुरभि ने भोपाल से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की है।
रोज 10 नए शब्द सीखना शुरू किया
सुरभि की शुरुआती पढ़ाई से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई गांव में हुई थी, जिस कारण उनकी अंग्रेजी पर पकड़ ज्यादा अच्छी नहीं थी। शुरुआत में कॉलेज में अंग्रेजी बोलने में परेशानी का सामना करना पड़ा। इस कारण उनका काफी मजाक भी बना। हालांकि, सुरभि इन साब बातों के कारण पीछे हटने वालों में से नहीं थीं। उन्होंने दृढ़ संकल्प लिया कि अपनी अंग्रेजी को मजबूत करना है। इसके लिए वे हर दिन 10 नए शब्द सीखा करती थीं। उन्होंने अपने ग्रेजुएशन के पहले सेमेस्टर में टॉप किया और कॉलेज चांसलर अवॉर्ड भी हासिल किया। बाद में उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया।
सिविल सर्विस परीक्षा में पाई 50वीं रैंक (Success Story)
सुरभि ने इंजीनियरिंग के बाद BARC में काम किया। साथ ही कई प्रतियोगी परीक्षाएं दीं और उनमें सफल रहीं। वर्ष 2013 में सुरभि ने आईईएस एग्जाम में टॉप किया और फिर साल 2016 में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में 50वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर बनीं।