CG Exam 2025: परीक्षा की तैयारी कैसे करें… राकेश डेढ़गवे ने बच्चों को बताए ये आसान टिप्स, मिल्खा सिंह का दिया उदाहरण
Patrika Campaign 2025: आपने मिल्खा सिंह की बॉयोपिक फरहान अख्तर अभिनीत भाग मिल्खा भाग फिल्म देखी होगी। इसमें मिल्खा दौड़ने से पहले यह कल्पना करता है कि वह किस तरह दौड़ेगा और खुद को कहां पाएगा। ठीक ऐसे ही परीक्षा में हमें देखना होगा कि….
CG Exam 2025: @ ताबीर हुसैन। आजकल विद्यार्थी गेस पेपर के पीछे पड़े रहते हैं, वे शॉर्टकट के चक्कर में लगे रहते हैं। वे किसी टॉपिक को समझने की कोशिश नहीं करते। नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर एग्जाम में छोटे आंसर वाले सवाल पूछे जाने हैं। इसके लिए आपको सब पढ़ना पड़ेगा। आप इस दौर में हैं जिसमें आपसे विश्लेषण करने की क्षमता छीनी जा रही है। अनेक शब्दों के एक शब्द की तर्ज पर कम से कम में ज्यादा से ज्यादा बात कहनी होगी। यह कहा वक्ता राकेश डेढ़गवे ने।
वे दुर्गा कॉलेज में आयोजित एनईपी 2020 के तहत ‘परीक्षा की तैयारी कैसे करें’ विषय पर वर्कशॉप रखी गई। राकेश डेढ़गवे ने कहा कि परीक्षा में यह जरूरी नहीं कि आप क्या जानते हैं, बल्कि यह कि आप उसे एक्सप्रेस या डिलीवर कैसे करते हैं। क्योंकि आप तो डाकिए की तरह काम कर रहे होते हैं। उधर पढ़ा और इधर उड़ेल दिया। जांचकर्ता यही देखता है कि आप जो जानते हैं उसे किस तरह बताते हैं।
छोटे चुनाव में जीत ज्यादा कठिन होती है
अगर हम लोकसभा और पंच चुनाव की तुलना करें तो पाएंगे कि छोटे चुनाव में जीतना कठिन होता है। वहां एक दो वोट से ही फैसला होता है। ठीक ऐसे ही परीक्षा में 20 नंबर के सवाल में आप एक से लेकर 20 तक अंक प्राप्त कर सकते हैं जबकि 2 नंबर के सवाल पर 1 आसानी से मिल जाता है। आपके लिए मार्क्स हासिल करना जितना कठिन होता है, उससे भी कठिन जांचकर्ता के लिए नंबर देना।
सीख: तैयारी केवल पढ़ने की नहीं, लिखने की होनी चाहिए
भाग मिल्खा भाग के हीरो जैसी करें कल्पना
आपने मिल्खा सिंह की बॉयोपिक फरहान अख्तर अभिनीत भाग मिल्खा भाग फिल्म देखी होगी। इसमें मिल्खा दौड़ने से पहले यह कल्पना करता है कि वह किस तरह दौड़ेगा और खुद को कहां पाएगा। ठीक ऐसे ही परीक्षा में हमें देखना होगा कि किस सवाल के जवाब में हम क्या लिखेंगे और उसमें कितना समय लगेगा। इसलिए टॉपिक का नॉलेज होना चाहिएजो पढ़ा है उसका सारांश आए और भाव पूरा आए।
सीख: सारांश से ज्यादा आपको विषय के भावार्थ में ध्यान देना
एक शिष्य अपने गुरु की तरह बनना चाहता है। गुरु साढ़े सात फीट की तलवार बनाता है, शिष्य भी वैसे करता है। लेकिन गुरू के मियान में तलवार 3 फीट की होती है। यानी आपको परीक्षा के लिए जानकारी बहुत होनी चाहिए लेकिन लिखना उतना जितनी जरूरत हो। ऐसा कोई विषय नहीं जिसे समझा न जा सके। रणनीति ज्यादा महत्वपूर्ण है बजाय यह कि आपके पास हथियार कितने हैं। शिष्य की नकल काम नहीं आई।
सीख: जो काम तलवार न करे, उसे सुई आसानी से कर देती है
भोज के समय कोहढ़ा नहीं रोपा जाता
इस कहावत का अर्थ है कि जब खाना बनाना हो, उस वक्त कोहड़ा यानी कद्दू बोया नहीं हाता। ठीक ऐसे ही एग्जाम के ठीक पहले तक पढ़ने का कोई मतलब नहीं है। जब सालभर नई किया तो लास्ट मोमेंट में क्या हो जाएगा और जब सालभर पढ़ा तो आखिरी समय में पढ़ने की जरूरत भी नहीं। इससे अच्छा है कि फैमिली संग टाइम स्पेंड करें। दोस्तों संग गप्पे लड़ाएं और अपनी हॉबीज पर टाइम दें।
सीख: परीक्षा के पहले रिलेक्स रहें, ताकि टेंशन से निजात मिले
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