scriptआदिवासी छात्रावासों में विद्यार्थियों की तुलना में नहीं बढ़ी सीटें, प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा में आ रही दिक्कत | विधानसभा में उठेगा मामला: सीट बढ़ाने के साथ नया भवन बनाने की भी जरूरत | Patrika News
बालोद

आदिवासी छात्रावासों में विद्यार्थियों की तुलना में नहीं बढ़ी सीटें, प्रतिभावान छात्रों को उच्च शिक्षा में आ रही दिक्कत

बालोद जिले में आदिवासी छात्रावास बनाए गए हैं, लेकिन आज तक आरक्षित सीटों की स्थिति जस की तस है। छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों की संख्या आरक्षित सीट से दोगुनी हो गई है।

बालोदSep 08, 2024 / 11:47 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बालोद जिले में आदिवासी छात्रावास बनाए गए हैं, लेकिन आज तक आरक्षित सीटों की स्थिति जस की तस है। छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों की संख्या आरक्षित सीट से दोगुनी हो गई है।
Tribal hostel बालोद जिले में आदिवासी छात्रावास बनाए गए हैं, लेकिन आज तक आरक्षित सीटों की स्थिति जस की तस है। छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों की संख्या आरक्षित सीट से दोगुनी हो गई है।

व्यवस्था सुधारने व सीट बढ़ाने नहीं हुए प्रयास

कई छात्रावास में इस तरह की स्थिति है। छात्रावासों में व्यवस्था सुधारने एवं सीटों की संख्या बढ़ाने कोई प्रयास नहीं किए गए। सीट बढ़ी तो छात्रावास को भी नया बनाना पड़ेगा। वर्तमान में सीट संख्या बढ़ाने की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ता नीलिमा श्याम ने जिले के तीनों विधायकों से मांग की है कि सीटों की संख्या में वृद्धि व पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराएं।
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13 से भी अधिक छात्रावास

जिले में 13 से भी ज्यादा आदिवासी छात्रावास हैं, जिसमें दूरदराज के आदिवासी छात्र-छात्राएं रहकर पढ़ाई करते हैं। ऐसे कई और भी प्रतिभावान विद्यार्थी हैं, जो छात्रावास में सीट नहीं होने के करण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता नीलिमा श्याम ने विधायक कुंवर सिंह निषाद से मुलाकात कर आदिवासी छात्रावास की सीटों की समस्या पर चर्चा की। 50 से 60 साल के बावजूद स्वीकृत सीट 20 से 40 है, जो जनसंख्या के हिसाब से बढ़ जानी चाहिए थी। मामले को विधानसभा में रखने के साथ 100 सीट तक वृद्धि की जाए।
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डौंडी के छात्रावास में तो कमरे पड़ रहे कम

प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास डौंडी में बेड व कमरे कम पड़ रहे हैं। यहां 93 विद्यार्थी है, जबकि यहां सीट मात्र 50 है। इसके लिए नवीन भवन बनाने की मांग की। विधायक ने आश्वासन दिया कि आने वाले शीतकालीन बजट सत्र में विधानसभा में मामले को रखेंगे। विधायक से विनीत साहू, दीपक सहारे ने भी मुलाकात की।

छात्रावास में स्वीकृति और सीट की स्थिति

पोस्ट मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास डौंडी

स्वीकृति वर्ष – 2007-08
स्वीकृति सीट – 50
प्रवेशित सीट – 105

आदिवासी कन्या आश्रम डौंडीलोहारा

स्वीकृति वर्ष – 1990-91
स्वीकृति सीट – 50
प्रवेशित सीट – 76

प्री मैट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास डौंडी

स्वीकृति वर्ष – 1994-95
स्वीकृति सीट – 50
प्रवेशित सीट – 93

प्री मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास अमलीडीह बालोद

स्वीकृति वर्ष – 1994-95
स्वीकृति सीट – 30
प्रवेशित सीट – 70

प्री. मैट्रिक नेहरू आदिवासी बालक छात्रावास डौंडी

स्वीकृति वर्ष – 1995-66
स्वीकृति सीट – 40,
प्रवेशित सीट – 49

प्री. मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास मंगचुवा

स्वीकृति वर्ष – 1983-84
स्वीकृति सीट – 40
प्रवेशित सीट- 60

प्री. मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास धीना डौंडीलोहारा

स्वीकृति वर्ष – 1980-81
स्वीकृति सीट – 20
प्रवेशित सीट – 28

विधायकों ने दिलाया भरोसा, सीट बढ़ाने करेंगे प्रयास

संजारी बालोद विधायक संगीता सिन्हा, डौंडीलोहारा विधायक अनिला भेंडिया व गुंडरदेही विधायक कुंवर सिंह निषाद ने आश्वासन दिया है कि छात्रावासों में सीट बढ़ाने प्रयास करेंगे। शीतकालीन बजट सत्र में मामले को विधानसभा रखेंगे।

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