हालात यह है कि महारानी कॉलेज में पिछले साल 2270 सीटों में से CBSE की केवल 100 छात्राओं को प्रवेश मिला। इस साल भी यही हालात रहने की संभावना है। इसीलिए कॉलेज में चल रहे काउंसलिंग सत्र में 75 प्रतिशत अंक वाली छात्राओं को भी दूसरे कॉलेज की सलाह दी जा रही है। जबकि दिल्ली विवि के कई नामी कॉलेजों में छात्राओं को प्रवेश मिलने की संभावना है क्योंकि पिछले वर्ष दिल्ली विवि के कई कॉलेजों की कट-ऑफ महारानी कॉलेज से कम गई थी।
कॉमर्स में 90 प्रतिशत नंबर आए हैं। महारानी में पढऩे का सपना है। लेकिन, जब काउंसलिंग के लिए गई तो पता चला कि बी. कॉम. में प्रवेश नहीं मिल पाएगा।
– प्राची शर्मा, CBSE छात्रा
जो हाल अभी CBSE बोर्ड की छात्राओं का है, यही हाल चाल साल पहले राजस्थान बोर्ड की छात्राओं का था। दरअसल, वर्ष 2013 तक कॉलेजों में प्रवेश अंकों के आधार पर दिया जाता था। CBSE में अधिक प्रतिशत के कारण केवल उन्हीं की छात्राओं को प्रवेश मिलता था। राजस्थान बोर्ड से पास हुई इक्का-दुक्का छात्राएं ही कॉलेज में प्रवेश ले पा रही थीं। इसके बाद ही पर्सेंटाइल फॉर्मूला लागू किया गया था।
महारानी कॉलेज की पिछले साल की कट-ऑफ
विषय — राजस्थान बोर्ड — CBSE
B.Sc. (पासकोर्स) — 85.4 — 92
B.Sc. (पासकोर्स गणित) — 94 — निल
B.Sc. (भौतिकी ऑनर्स) — 92.6 — निल
B.Sc. (रसायन ऑनर्स) — 88.6 — निल
B.Sc. (बॉटनी ऑनर्स) — 79 — 85.2
B.Sc. (जूलॉजी ऑनर्स) — 84 — 89.4
B.Com. (पासकोर्स) — 87.40 — 95
B.Com. (पासकोर्स, एसएफएस) — 81.8 — 91.6
B.Com. (एबीएसटी ऑनर्स) — 79.8 — 90
B.Com. (इएएफएम ऑनर्स) — 76 — 85.6
B.Com. (बी.एड ऑनर्स) — 75.2 — 84.2
B.A. (पासकोर्स) — 85.6 — 95
B.A. (अंग्रेजी, ऑनर्स) — 77 — 95.8
B.A. (हिंदी, ऑनर्स) — 66.6 — निल
B.A. (इतिहास, ऑनर्स) — 72.2 — 90.4
B.A. (रा. विज्ञान, ऑनर्स) — 75.2 — 94
12वीं कक्षा में विज्ञान में 92 फीसदी नंबर आए हैं। फिर भी महारानी कॉलेज में प्रवेश मिलना मुश्किल लग रहा है। महारानी के साथ दिल्ली विवि के कई कॉलेजों के फॉर्म भरे हैं।
– रुचि गुप्ता, CBSE छात्रा