यूजीसी ने जारी किया नोटिस (UGC Notice)
यूजीसी ने फर्जी विश्वविद्यालयों की लिस्ट जारी कर छात्रों को सूचिता किया है। जारी नोटिस में 21 विश्वविद्यालयों के नाम शामिल हैं। यूजीसी ने कहा कि कॉलेज का चयन करते वक्त छात्रों और अभिभावकों को सावधानी बरतनी चाहिए। छात्रों को आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी हासिल करने के बाद ही किसी संस्थान के लिए अप्लाई करना चाहिए। यूजीसी इस बात पर भी जोर देता है कि केवल यूजीसी अधिनियम, 1956 के तहत सूचीबद्ध विश्वविद्यालय ही भारत में डिग्री प्रदान करने के पात्र हैं।
छात्रों को किया सचेत (Which 20 Universities were declared fake by UGC)
सूची में कई संस्थान शामिल हैं जो डिग्री प्रदान करने का दावा करते हैं लेकिन यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं हैं, जिससे उनकी योग्यता रोजगार या आगे की शिक्षा के लिए अमान्य हो जाती है। ये संस्थान छात्रों को डिग्री पूरा करने के वादे करके लुभाते हैं। यूजीसी की इस पहल से ऐसे छात्र जो अब तक इन नकली विश्वविद्यालय के झांसे में आ रहे थे, वे सावधान हो जाएंगे। छात्र बिना जाने फर्जी विश्वविद्यालय में के ऊपर पैसा खर्च कर देते हैं और उन्हें बाद में डिग्री भी नहीं मिलती।
यहां देखें फर्जी यूनिवर्सिटी के नाम (Fake University List By UGC)
क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी, गुंटूर बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया, Vizag एआईआईपीएचएस गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी, दिल्ली कॉमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालय, दिल्ली वोकेशनल यूनिवर्सिटी, दिल्ली एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली आईआईएसई, दिल्ली स्व-रोजगार के लिए विश्वकर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्ली आध्यात्मिक विश्वविद्यालय, दिल्ली बडगानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी, बेलगाम
सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी, केरल आईआईयूपीएम, कोझिकोड राजा अरबी विश्वविद्यालय, नागपुर श्री बोधि उच्च शिक्षा अकादमी, पुडुचेरी गांधी हिंदी विद्यापीठ, प्रयाग, इलाहाबाद नेता जी सुभाष चंद्र बोस विश्वविद्यालय, अलीगढ़ भारतीय शिक्षा परिषद्, लखनऊ
महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय, नोएडा भारतीय वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान, कोलकाता वैकल्पिक चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, कोलकाता
क्या करता है यूजीसी (What does University Grants Commission do)
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) भारत के शिक्षा मंत्रालय के तहत एक मान्यता प्राप्त निकाय है, जिसकी स्थापना 1956 में हुई थी। यूजीसी उच्च शिक्षा और इससे जुड़े संस्थान के काम की देखरेख और उनको बढ़ावा देने का काम किया करता है। इसके तहत अकैडमिक तौर पर अलग-अलग नीतियों को बढ़ावा देना, संस्थान को धन आवंटित करने जैसे काम शामिल हैं।