मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें लोग महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi), राष्ट्रपिता और बापू के नाम से भी जानते हैं, का जन्मदिवस हर साल पूरी दुनिया में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल उनकी 155वीं जयंती मनाई जा रही है।
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आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर कोई व्यक्ति खुद से यह कहता है वो फलां चीज नहीं कर सकता तो यह संभव है कि वो उस काम में असफल हो जाए। इसके विपरीत, खुद में विश्वास रखने पर किसी काम में सफलता पाई जा सकती है।
गांधी कहते थें कि आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं तो जरूरी नहीं कि पूरा सागर ही गंदा हो। एक सभ्य घर के बराबर कोई विद्यालय नहीं है और एक भले अभिभावक जैसा कोई शिक्षक नहीं है।
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है।